नई नई रस्मो को जन्म: पहली बार महिला दरगाह प्रबंधक के लिए सजाई गई महफिल, लगाई गई गद्दी
दरगाह कर्मचारियों और फर्जी खादिमों ने दिया नजराना(भेंट), इन्होंने दी प्रतिक्रिया(देखिए वीडियो)
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपुत)
दरगाह साबिर पाक का 756वां उर्स/ मेला संपन्न हो गया। उर्स में शामिल होने आए जायरीनों ने हाजिरी पेशकर रूहानियत का फैज हासिल किया। लेकिन पहली बार महिला दरगाह प्रबंधक के लिए गद्दी सजाई गई। और साथ ही दरगाह कर्मचारियों और फर्जी खादिमों ने खूब नजराना(भेंट) दिया।
वीडियो में गद्दी पर बैठकर नजराना लेती दिखाई दे रही दरगाह प्रबंधक रजिया के चेहरे पर मुस्कान हैं। सोशल मीडिया पर मैडम साहिबा का वीडियो वायरल हो गया है। वही अब इस मामले में साहिबजादा समेत अन्य लोगो की प्रतिक्रिया सामने आई हैं।
विश्व विख्यात दरगाह साबिर पाक के उर्स में इस बार नई नई रस्मो को जन्म दिया गया। जहां पर कुछ सूफियों द्वारा जिस गुल्लर की शाखों को पकड़कर साबिर पाक ने 12 वर्षों तक इबादत(तपस्या) की उसको दर्शाते हुए जियारत कराई गई।
वही पहली बार दरगाह प्रबंधक के लिए गद्दी सजाई गई। और गद्दी पर बैठी दरगाह प्रबंधक खुले आम दरगाह कर्मचारियों और फर्जी खादिमों से नजराना(भेंट) लेती नजर आ रही है। इसके अलावा मैडम साहिबा को खुश करने के लिए बकायदा कव्वाली का प्रोग्राम भी हुआ।
जिसमे दरगाह कर्मचारियों और फर्जी खादिमों को मौखिक तौर पर बतौर खास बुलाया गया था। जबकि इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। वीडियो में मैडम साहिबा गद्दी पर बैठकर नजराना लेती दिखाई दे रही हैं।
अब सवाल ये उठा हैं कि दरगाह प्रबंधक के लिए महफिल सजाने वाले लोग कौन थे? और इस तरह की नई परम्परा का दिखावा कर इनका क्या मकसद हैं? सवाल ये भी है, दरगाह प्रबंधक जिन फर्जी खादिमों पर रोक लगाने की बात करती हैं, उनसे मैडम साहिबा का ताल्लुक हैं? जबकी कई बार फर्जी खादिमों पर कार्यवाही की गई हैं। जिसको लेकर क्षेत्र में चर्चाओ का बाजार गर्म हैं।
महिला दरगाह प्रबंधक द्वारा पहली बार इस तरह से गद्दी सजाकर महफिल लगाने को लेकर लोग पूरी तरह से गलत ठहरा रहे हैं। वही अकीदतमंद लोग सोशल मीडिया पर वायरल हुई इस वीडियो को देखकर इसकी शिकायत प्रदेश के मुख्यमंत्री व वक्फ बोर्ड से करने की तैयारी कर रहे हैं।
साहिबज़ादा शाह यावर ऐजाज़ कुद्दुसी साबरी ने बताया कि दरगाह कार्यालय में जिस तरह महफ़िल में दरगाह प्रबंधक रजिया मसनद बैठी हैं और नज़र ले रही हैं किसी माहिला का इस मसनद बैठा नाजायज़ और हराम है शरीअत के विरुद्ध है वह इस तरह गतिविधियों को अंजाम देकर ख़ानकाही निजाम को पामाल करने की कोशिश की जा रही हैं मसनद पर बैठने का किसी महिला का कोई औचित्य नहीं बनता। वह दरगाह प्रबंधक हैं शासन ने उनको जो ज़िम्मेदारी दी है, उसको निभायें दरगाह शरीफ़ में ख़ानकाही निज़ाम को धूमिल करने प्रयास ना करे। दरगाह प्रबंधक रज़िया का जिस तरह का वीडियो वायरल हो रहा हे उसकी सख़्त निंदा करता हूं। क्योंकि किसी महिला का इस तरह बेपर्दा किसी चादर या उर्स में शामिल होना महफ़िल में मसनद पर बैठ कर नज़र लेना सख़्त नाजायज़ और हराम है वहां मौजूद सभी लोगों को तौबा करना चाहिए।
अंजुमन ग़ुलमाने मुस्तुफा के सचिव शादाब कुरेशी ने बताया कि दरगाह प्रबंधक ने जो किया वो काबिले ऐतराज है। दरगाह और खानकाह का एक निजाम है जो बाकायदा चलता है इस तरह की हरकत पुरानी परंपरा के निजाम को चुनौती देती है जो तमाम अहले तसव्वुफ़ और कामिल बुजुर्गो ने कायम किया। मैं आलिम नही इसलिए शरई तौर पर तो कुछ नही कह सकता लेकिन इतना जरूर है कि अगर ये गैर शरई काम है तो इसकी मजम्मत जरूरी है जिससे मुस्तकबिल मैं ऐसा दुबारा ना हो।