मां, मेरा गुनाह क्या था, जो मुझे ये सजा मिली, मासूम उवेश की मौत का गुनहगार कौन?
पुलिस की लापरवाही भी आई सामने, परिजनों ने लगाए कई गंभीर आरोप?

क्लिक उत्तराखंड:-(ब्यूरो) जवानी की ओर अग्रसर बेटा जब मां और बाप से बहुत दूर चला जाता हैं। वह दर्द सिर्फ वही मां बाप बयां कर सकते हैं।

मृतक मासूम उवेश के इस खौफनाक मंजर ने पूरे जिले को हिलाकर रख दिया। जिसके कारण घटनास्थल पर पहुंचे हर किसी की आह निकल पड़ी। वही मासूम उवेश के परिजनों का रो रोकर बुरा हाल हैं।

दरअसल आपको बता दे कि नगर पंचायत पिरान कलियर निवासी 13 वर्षीय उवेश गुरुवार की दोपहर के समय बकरियां चराने के लिए भट्ठे के पास गया था। इस दौरान वह संदिग्ध परिस्थितियों में लापता हो गया था।

परिजनों के काफी तलाश करने पर भी उसका कुछ पता नहीं लग पाया था। जिसके बाद परिजनों की ओर से पिरान कलियर थाने में अपहरण का मुकदमा दर्ज करवाया गया था।

दो दिन पूर्व शनिवार को मासूम उवेश का शव पास के ही जंगल में गन्ने के खेत से बरामद हुआ, जिसके बाद परिजनों ने हत्या का आरोप लगाते हुए मौके पर जमकर हंगामा काटा। हंगामे के बीच पुलिस ने शव कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के सिविल अस्पताल भिजवाया। वही पीएम कराने के बाद देर रात किशोर को गांव कब्रिस्तान में सुपुर्दे ए खाक किया गया। किशोर के जनाजे में भारी संख्या में ग्रामीणों की भीड़ मौजूद रही।
गरीब माता-पिता की उम्मीदों पर फिर गया पानी…

कक्षा 2 में पढ़ने वाला उवेश अपने माता पिता का दूसरे नंबर का बेटा था, उवेश से बड़ा उसका एक भाई ओर भी हैं। लेकिन उवेश पढ़ाई लिखाई में बहुत होशियार था, गरीब माता पिता की अपने बच्चे उवेश से काफी उम्मीदें थीं। लेकिन एक पल ने ही उनकी सारी उम्मीदों पर पानी फेर दिया।
आखिर उवेश का गुनाह क्या था, जो उसे इतनी दर्दनाक सजा मिली…

उवेश हत्याकांड का पुलिस अभी पर्दाफाश नहीं कर पाई है। परिजनों का आरोप हैं कि उवेश की हत्या हुई हैं।

लेकिन उसकी हत्या के बाद कई सवाल खड़े हो रहे, आखिर उवेश का गुनाह क्या था? जो उसे इतनी दर्दनाक सजा मिली।

या फिर उवेश के पिता से कोई रंजिश रखता है? जिसने इस खौफनाक घटना को अंजाम दिया। वही पुलिस की जांच की सुई भी हर एक पहलुओ पर घूम रही हैं।
पुलिस की लापरवाही भी आई सामने, परिजनों ने लगाए कई गंभीर आरोप?

मृतक उवेश के परिजनों ने कलियर पुलिस पर भी कई गंभीर आरोप लगाए हैं। मृतक उवेश के परिजनों का आरोप हैं, जब वह शिकायत लेकर थाने पहुंचा तो किसी भी पुलिसकर्मी ने उनकी कोई बात नहीं सुनी।
तीन घंटे तक थाने के बाहर खड़ा करके रखा गया। मुकदमा दर्ज करने की एवज में पैसे को डिमांड की। पैसे की डिमांड पूरी होने के बाद मुकदमा दर्ज हो पाया। आरोप हैं कि परिजन अपने स्तर पर ही बच्चे को ढूंढते रहे। लेकिन शिकायत के बाद भी उनको एक कांस्टेबल तक मुहैया नहीं कराया गया। जो बच्चे को ढूंढने में मदद कर सके।
क्या कहते हैं पुलिस कप्तान…

वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक प्रमेंद्र सिंह डोबाल का कहना हैं कि एक किशोर का शव बरामद हुआ हैं। प्रथम दृष्टया मामला संदिग्ध प्रतीत हो रहा है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद स्थिति साफ हो पाएगी। फिलहाल पुलिस टीम जांच कर रही हैं।