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10 बुजुर्ग कैदियों को जेल से मिली रिहाई, रिहा हुए कैदी हुए भावुक

रिहा हुए तीन सगे भाईयों समेत 10 कैदी काट रहे थे आजीवन कारावास की सजा

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क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपुत) हरिद्वार जिला कारागार में हत्या व हत्या के प्रयास के मामले में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 10 कैदियों को उनकी उम्र को देखते हुए रिहाई किया गया हैं। यह रिहाई कैदियों के जेल में अच्छे आचरण के कारण की गई है।

जेल प्रशासन के मुताबिक, हत्या व हत्या के प्रयास के मामले में प्रदेशभर की जेलों में सजा काट रहे कैदियों की उम्र 70 साल से अधिक होने के साथ ही उनके आचरण को लेकर शासन की ओर से रिपोर्ट मांगी गई थी। रिपोर्ट के आधार पर रोशनाबाद जेल में आजीवन कारावास की सजा काट रहे 10 कैदियों को रिहा करने के आदेश शासन ने जारी किए। जिसके बाद रविवार की सुबह कैदियों को हरिद्वार जेल से रिहा कर दिया गया।

जेल से बाहर आए कैदी अपने परिजनों से मिलकर भावुक हो गए। जेल से रिहा हुए कैदियों ने कहा कि जो गलतियां उनसे हुई थी, उसकी सजा उन्होंने भुगत ली है। आज उन्हें एक नया जीवन जीने का मौका मिला है। जिसे वो नेक कामों में लगाएंगे। वहीं, इस मौके पर उन्होंने जेल अधीक्षक का भी शुक्रिया अदा किया। कैदियों ने कहा कि अपनी एक गलती के कारण उन्हें जेल में कई साल गुजराने पड़े। और उन्होंने सच्चे मन से तौबा कर अपना जीवन यापन करने की बात कही।

हरिद्वार जेलर विकास चंद्रा ने बताया कि जिला कारागार हरिद्वार में अलग अलग मामलो में आजीवन की सजा काट रहे 10 कैदियों को शासनादेश अनुसार रिहा किया गया है। जिसमे योगेंद्र उर्फ गेंदर पुत्र बलजीत, प्रेम पुत्र शीशराम सैनी, नियाज़ पुत्र अब्दुल लईक, गोविंद सिंह पुत्र दीवान सिंह, कबीर पुत्र गुलामुद्दीन, नईम पुत्र मजीद ,नूर हसन पुत्र मकसूद प्रधान, लाला,वेदपाल,छोटन पुत्र चूड़ा समेत 10 बंदियों को रिहा किया गया है। जोकि आजीवन कारावास की सजा भोग रहे थे। जिनकी उम्र 70 वर्ष से अधिक थी।

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