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मस्जिदों और मजारों के सामने हटाए गए पर्दे, राजनीति गरमाई

इतिहास में पहली बार हरिद्वार में कांवड़ यात्रा के दौरान मस्जिदों और मजारों के समाने लगे थे पर्दे 

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क्लिक उत्तराखंड:-(ब्यूरो) कांवड़ यात्रा रूट के ढाबों पर नाम लिखकर पहचान बताने का विवाद अभी पूरी तरह से थमा भी नहीं था कि हरिद्वार में पर्दा वबाल ने राजनीति रूप ले लिए लिया।

यहां कांवड़ रूट पर पड़ने वाली मस्जिदों और मजारों को त्रिपाल और पर्दो से ढक दिया गया था। हालांकि राजनीति गरमाने से 24 घंटे के अंदर ही मस्जिदों और मजारों से त्रिपाल हटवाना शुरू कर दिया।

 

कांवड़ यात्रा रूटों पर एसपीओ और अन्य लोगो द्वारा मस्जिदों और मजारों के सामने लगे पर्दों को हटाया गया। जबकि अभी यह सामने नहीं आया हैं कि आखिरकार मस्जिदों और मजारों के समाने पर्दे किसने लगवाए थे।

(फाइल फोटो)

उत्तराखंड के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ हैं जब कांवड़ यात्रा मार्गो पर पड़ने वाली मस्जिद और मजारों को पर्दों से ढका गया हैं।

बताया जा रहा है कि ज्वालापुर के रामनगर कॉलोनी स्थित मस्जिद और दुर्गा चौक के पास स्थित मजार के गेट पर पर्दा लगाकर उसको कवर कर दिया गया।

हालांकि इससे पहले कावड़ यात्रा के दौरान इन मस्जिद और मजार को कभी नहीं ढका गया। यह पहली बार था जब इस तरह से मस्जिद और मजार को ढका गया।

(कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज फोटो)

हालांकि कैबिनेट मंत्री सतपाल महाराज का कहना है कि कावड़ यात्रा व्यवस्थित रूप से चले, इसके लिए मस्जिद और मजारों को ढका गया था। सतपाल महाराज ने कहा कि कावड़ यात्रा के दौरान कोई उत्तेजना न हो और भड़के नहीं, इसका ध्यान रखा गया है। उन्होंने कहा कि जब कोई निर्माण कार्य होता है, तब भी ढक दिया जाता है।

(वरिष्ठ नेता राव आफाक)

वहीं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता राव आफाक ने बताया कि कावड़ यात्रा के दौरान मजारों और मस्जिदों को पर्दे से ढकना सही नही है हमारे शिव भक्त जल लेकर अपनी आस्था के साथ जा रहे है हर किसी को अपने मजहब को मानने का अधिकार है। भारत एक ऐसा देश है जहां पर सभी धर्मो का ख्याल रखा जाता है।

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