
क्लिक उत्तराखंड:-(ब्यूरो) रुड़की में दिनदहाड़े घर के अंदर घुसकर साल 2021 में छात्रा निधि उर्फ हंसी की हत्या मामले में कोर्ट ने हत्यारोपियों को सजा सुनाई हैं। कोर्ट ने मुख्य आरोपी हैदर को फांसी की सजा सुनाई हैं।
जबकि उसके सहयोगी दोस्त रिहान उर्फ आरिश को आजीवन कारावास की सजा और साथ ही दोनों पर 50-50 हजार रुपए का जुर्माना लगाया गया हैं। जबकि इस केस से जुड़े नाबालिग का मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।
24 अप्रैल 2021 में दिनदहाड़े हुई थी बीबीए छात्रा निधि उर्फ हंसी की हत्या…..

गंगनहर कोतवाली कृष्णानगर गली नंबर-20 निवासी बीबीए की छात्रा निधि उर्फ हंसी की तीन युवकों ने 24 अप्रैल 2021 को दोपहर घर में गला रेतकर हत्या कर दी थी। तीनों आरोपित बाइक से निधि के घर आए थे। जिसमें मृतका के भाई की ओर से पुलिस को शिकायत की गई थी।
जिसके बाद तत्कालीन प्रभारी निरीक्षक मनोज मैनवाल ने आरोपियों को पकड़ कर जेल भेज दिया था।
फाइल फोटोवहीं मामले की विवेचना कोतवाल अमरजीत सिंह को सौंपी गई थी। जिसके बाद मुख्य आरोपी हैदर अली ने काबुल किया था कि युवती को करीब तीन साल से जानता था। वह उससे प्यार करता था। दिसंबर में ही हैदर दुबई से लौटा था। इसके बाद उसने निधि से संपर्क करने का प्रयास किया। लेकिन, निधि हैदर अली से नहीं मिलना चाहती थी। वह हैदर से शादी भी नहीं करना चाहती थी। इससे नाराज हैदर ने उसकी हत्या कर दी थी।
मजबूत पैरवी और विवेचना के चलते हत्यारोपियों को मिली सजा…..
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश सिंह की अदालत में मामला विचाराधीन था। इस मामले में विवेचक ने पांच अप्रैल 2022 को कोर्ट मे आरोप पत्र दाखिल किये थे। जिसमें अधिवक्ता संजीव वर्मा की ओर से मजबूत पैरवी की गई। इस मामले में कोर्ट के सामने कई गवाह और साक्ष्य पेश किए गए। जिसमें कोर्ट ने मुख्य आरोपी हैदर अली और उसके साथी रिहान उर्फ आरिश को दोषी करार दिया।
अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश सिंह की अदालत ने हत्यारोपी हैदर अली को फांसी की सजा सुनाई हैं।
और उसके साथी रिहान उर्फ आरिश को आजीवन की कारावास की सजा सुनाई गई। वहीं कोर्ट ने दोनों पर 50-50 हजार रुपए का अर्थदंड भी लगाया गया। जबकि इस केस से जुड़े नाबालिग का मामला किशोर न्यायालय में विचाराधीन है।
अधिवक्ता पिता और पुत्र की जोड़ी ने दिलाया निधि उर्फ हंसी को न्याय, परिजनों ने जताया आभार….
छात्रा निधि उर्फ हंसी हत्याकांड मामले में अधिवक्ता संजीव वर्मा और उनके पुत्र नैनीताल हाइकोर्ट अधिवक्ता आलोक वर्मा ने मजबूत पैरवी की। पिता पुत्र की जोड़ी ने कोर्ट के समक्ष ऐसे तथ्य पेश किए जिसके चलते मुख्य आरोपी की जमानत याचिका बार बार खारिज होती रही। वहीं अधिवक्ता संजीव वर्मा ने ईमानदारी का परिचय देते हुए मजबूती के साथ निधि को न्याय दिलाने के लिए डटे रहे। अधिवक्ता संजीव वर्मा की ठोस पैरवी के चलते अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश रमेश सिंह की कोर्ट ने मुख्य आरोपी हैदर को फांसी की सजा और उसके सहयोगी रिहान उर्फ आरिश को आजीवन कारावास की सजा सुनाई हैं। निधि उर्फ हंसी को इन्साफ मिलने पर निधि के परिजनों ने अधिवक्ता संजीव वर्मा का आभार व्यक्त किया हैं। वहीं कोर्ट के फैसले से परिजनों ने संतुष्टि जताई हैं।