कलियर से विपक्ष गायब: अनैतिक कार्यों से लेकर भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधे क्यों दिग्गज नेताओं की फौज?
"इलेक्शन में किंग बनने का सपना" चुनाव हारने के बाद विपक्ष की भूमिका क्यों नहीं निभाते "कलियर के दिग्गज नेता" सवाल?

क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) पिरान कलियर में विधानसभा चुनाव हो या फिर नगर पंचायत चुनाव। चुनावी घमासान में विपक्ष की भूमिका निभाने वाले दिग्गज बड़े नेताओं की फौज पांच सालों के लिए कलियर से गायब हो जाती हैं।
अक्सर विपक्षी नेता कलियर में भ्रष्टाचार से लेकर अनैतिक कार्यों पर चुप्पी साध लेते हैं। मानो चुनाव के बाद उनका जनता से कोई रिश्ता ना हो? या फिर ये कहा जाए कि इलेक्शन के दौरान सुख दुख में साथ खड़े होने का दावा करने वाले नेता वोट की खातिर जनता को बेवकूफ बनाकर चले जाते हैं।

गरीब परिवार का आशियाना उजड़ता हो, अनैतिक कार्य हो या फिर भ्रष्टाचार हो? इन विपक्षी नेताओं को कोई फर्क नहीं पड़ता और आखिर पड़ेगा भी क्यों? क्योंकि चुनाव में अभी काफी समय बचा हुआ हैं।
अनैतिक कार्यों से लेकर भ्रष्टाचार पर चुप्पी साधे क्यों दिग्गज नेताओं की फौज?…..
विधानसभा चुनाव में पिरान कलियर से जीत की हैट्रिक लगाने वाले कांग्रेस विधायक हाजी फुरकान अहमद और नगर पंचायत से अध्यक्ष पद पर इतिहास रचने वाली बसपा से प्रथम महिला समीना ने परचम लहराकर भारी मतों से जीत हासिल की थी। वहीं कलियर विधानसभा और नगर पंचायत चुनाव में कई दिग्गज नेताओं को करारी शिकस्त मिली थी। हारे हुए विपक्षी नेताओं ने मानो चुनाव हारने के बाद जनता से अपना रिश्ता तोड़ लिया हो। किसी भी मुुद्दे पर विपक्ष नेता बोलने के तैयार नहीं होते हैं।
भ्रष्टाचार को लेकर विपक्षी नेताओं का गुट खामोश रहता हैं। यहां तक की गरीब परिवार का आशियाना उजड़ गया। कोई भी नेता या विपक्षी नेता गरीब परिवार से मिलने के लिए नहीं पहुंचा। और साथ ही विपक्षी नेताओं का गुट अनैतिक कार्यों पर भी चुप्पी साध लेते हैं। जबकि पुलिस की ओर से अनैतिक कार्यों पर निरंतर कार्यवाही की जाती हैं। लेकिन इन कार्यों के खिलाफ कभी भी विपक्ष सामने नहीं आया। जिसको लेकर कहा जा सकता है कि इन नेताओं पर या तो किसी का कोई दबाव है? या फिर चुनाव हारने के बाद उनको जनता से कोई लेना देना नहीं हैं?