खानकाह ए फ़ैजाने वाहिद में मनाया गया शोहदा ए कर्बला
इमाम हुसैन की याद में निकल पड़े अकीदतमंदों के आंसू, देर रात तक हुई मजलिस
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपुत) पिरान कलियर खानकाह ए फैजाने वाहिद में इमाम हुसैन की याद में शोहदा ए कर्बला की मजलिस मनाई गई जिसमे अकीदतमंदों ने करबला की दस्ता को बयां किया। इस दौरान देश की तरक्की और खुशहाली की दुआएं मांगी गई।
पिरान कलियर खानकाह ए फैजाने वाहिद में देर रात शोहदा ए कर्बला प्रोग्राम के दौरान बड़ी संख्या में अकीदतमंद और शिष्यों ने बढ़ चढ़कर मजलिस में शिरकत की।
जिसमे बाहर से आए अकिदतमंदो ने इमाम हुसैन की याद में अपने अपने नोहे पढ़े। जिसमे करबला के वाक्य पर प्रकाश डाला गया। इस दौरान मजलिस में मौके पर मौजूद सुनने वाले अकिदतमंदो के आंसू निकल गए। वही धार्मिक नारो से कलियर की फिजाएं गूंज उठी।
खानकाह ए फैजाने वाहिद के गद्दीनशीन सैय्यद फरीद आलम जैदी साबरी ने बताया कि हजरत इमाम हुसैन ने यजीद के आतंक को खत्म करने, इस्लाम और इंसानियत को बचाने के लिए मदीने से करबला तक का सफर तय किया था।
इस दौरान इमाम हुसैन ने अपने नाना का दींन बचाने के लिए कर्बला के मैदान में अपने आप और परिवार वालों को कुर्बान कर दिया। उन्होंने कहा कि अगर जीवन और आखिरत यानी मौत के बाद की जिंदगी मैं सफल होना है तो ज्ञान हासिल करो, और ज्ञान सिर्फ अहलेबैत से मिल सकता है।
उन्होंने बताया कि इमाम हुसैन ने शहादत देकर दीन-ए-इस्लाम व मानवता को बचा लिया। इमाम हुसैन कल भी ज़िंदा थे, आज भी ज़िंदा हैं और ता कयामत तक ज़िंदा रहेंगे। मजलिस के बाद देश की तरक्की और खुशहाली की दुआएं मांगी गई।
इस दौरान शाह खालिद मियां, शाह सुहैल मियां, सैय्यद वासिफ मियां, सैय्यद आदिल हुसैन, राव एजाज, राव फरमान उर्फ भूरा, राव अबरार, कलीम खान, राव फरमान, मेहरबान खान, वसीम खान, राव फुरकान, रफत साबरी, डॉक्टर तहसीम, शादाब, सेराज खान, पत्रकार सरफराज सलमानी, जावेद खान, राव रब्बानी, सैफ अली, फैजान साबरी, समेत अन्य अकिदतमंद मौजूद रहे।