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दरगाह साबिर पाक के 757वे उर्स में सूफी संतों को बांटा गया लंगर 

वर्षों पुरानी परम्परा आज भी जारी.....(पढ़िए खबर)

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क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) सूफिया-ए-इकराम, मस्त मलंग और अकीदतमंद साबिर पाक के सालाना उर्स में शिरकत करने कलियर पहुंच चुके हैं।

दरगाह साबिर पाक रह० अलै०

इस्लामी कैलेंडर की सात तारीख को रविवार को साबिर पाक के लंगरखाने से सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी की सरपरस्ती में सज्जादानशीन प्रतिनिधि शाह सुहैल, शाह यावर एजाज साबरी व नोमी मियां ने सूफी संतों और जायरीनों को लंगर बांटा।

दरगाह साबिर पाक के उर्स में बड़ा लंगर सात तारीख से शुरू होता है और इसका सिलसिला चांद की तारीख 12 रबीउल अव्वल तक जारी रहता है। 12 रबीउल अव्वल को सिर्फ दोपहर यानी एक वक्त का लंगर बांटा जाता है।

12 रबीउल अव्वल को शाम को बंटने वाला लंगर मस्त कहलाता है। उर्स के दौरान अधिकांश सूफी संत अपनी खानगाहों पर लंगर बांटते हैं। इसके अलावा पंजाब से आने वाले जायरीन भी अपने-अपने डेरों पर लंगर बांटते हैं।

साहिबजादा शाह यावर मियां

साहिबजादा शाह यावर मियां साबरी ने बताया कि लंगर वितरण की परंपरा वर्षों पूर्व से चली आ रही है। जिसको लंगरखाने से सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी की सरपरस्ती में सूफी संतों में वितरण किया जाता है।

सूफी संतो को लंगर 12 रबीउल अव्वल तक जारी रहेगा। और आम दिनों में लंगरखाने से दोनो समय लंगर वितरण किया जाता हैं। लेकिन उर्स के दौरान लंगर को आम दिनो के भांति बढ़ा दिया जाता है। इस दौरान साहिबजादा शाह यावर मियां साबरी , सज्जादानशीन प्रतिनिधि शाह सुहैल, नोमी मियां साबरी, सुपरवाइजर असलम साबरी, मुनव्वर अली साबरी,आमिर खान, रहीम खान, शहजाद अली, गुलज़ार साबरी, मोईन अली साबरी समेत अन्य मौजूद रहें।

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