राह नहीं आसान: कलियर नगर पंचायत में सियासतदारों का खेल, महिला प्रत्याशियों का होर्डिंग्स, पोस्टर व बैनर से फोटो गायब….
नगरवासी कैसे पहचान पाएंगे अपनी निर्वाचित महिला अध्यक्ष को, या फिर सियासतदारों की कठपुतली बनकर तो नहीं रहे जाएगी अध्यक्ष, सवाल कई?
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपुत) कलियर नगर पंचायत अध्यक्ष पद सामान्य महिला सीट रिजर्व होने के बाद इस बार कई सियासतदारों ने अपनी पत्नी या फिर परिवार की अन्य किसी महिला पर चुनावी दांव लगाकर उनको मैदान में उतारा है।
लेकिन इस चुनाव में महिला अध्यक्षो की फौज आज के दौर में भी पर्दे का चक्रव्यूह नहीं तोड़ पाई हैं। क्योंकि सियासतदारों ने महिलाओं पर दांव लगाकर मातृशक्ति को चुनावी दंगल में उतार तो दिया हैं।
लेकिन नगर अध्यक्ष के सियासतदारों ने महिला प्रत्याशियों का होर्डिंग्स, पोस्टर व बैनर से फोटो गायब ही गायब कर दिया हैं। और अपने नाम और फोटो के बड़े बड़े होडिंग, पोस्टर, बैनर गाली मोहल्ले में लगवाने शुरू कर दिए हैं।
जिसके कारण इन सियासतदारों की पुरुष कू-प्रथा वाली मानसिकता देखी जा रही हैं। वही इस संबंध में नगरवासियों की ओर कई सवाल भी खड़े हो रहे हैं?
नगरवासियों का मानना है, महिला अध्यक्ष निर्वाचित होने के बाद नगरवासी अपनी नगर की अध्यक्ष को कैसे पहचान पाएंगे।
या फिर महिला अध्यक्ष सियासतदारों की कठपुतली बनकर तो नहीं रहे जाएगी? पर्दे का चक्रव्यूह ना तोड़ने वाली अध्यक्ष प्रत्याशियों से विकास की क्या उम्मीदें लगाई जा सकती है। बैनर से गायब अध्यक्ष प्रत्याशियों की फोटो से कई अन्य सवाल भी खड़े हो रहे हैं।
सिर्फ अकरम साबरी की पत्नी निर्दलीय प्रत्याशी एडवोकेट शबनम अंजुम की फोटो व बैनर लगे…..
कलियर नगर प्रत्याशियों की लंबी फौज में सबसे शिक्षित निर्दलीय प्रत्याशी एडवोकेट शबनम अंजुम हैं। पति अकरम साबरी की साख बचाने के लिए एक बार फिर एडवोकेट शबनम अंजुम चुनावी मैदान में हैं। इससे पहले वह सभासद थी।
कु-प्रथा को तोड़ते हुए अकरम साबरी ने पर्दे का चक्रव्यूह तोड़ते हुए अपनी पत्नी प्रत्याशी एडवोकेट शबनम अंजुम के जगह जगह होर्डिंग्स, पोस्टर और बैनर लगवाकर चुनावी प्रचार तेज कर दिया है।
नगर पंचायत पिरान कलियर में विकास की गंगा बहाने का एजेंडा लेकर नगरवासियों के बीच जा रहे महिला अध्यक्ष के पीछे छिपे सियासतदार और उनके समर्थक लंबे चौड़ी बाते कर रहे है। और नगर में चहुंमुखी विकास का दावा कर रहे हैं।
लेकिन पर्दानशीन महिला अध्यक्षों से सियासतदारों ने पर्दा नहीं हटाया हैं। जिससे उनकी पहचान होना नाकाफी है। वही नगरवासी यही उम्मीदें लगाए हुए कि पर्दे का चक्रव्यूह ना तोड़ने वाली अध्यक्ष प्रत्याशियों से विकास की क्या उम्मीदें लगाई जा सकती है।