
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) दरगाह साबिर पाक के 757वें सालाना उर्स में हर साल की तरह इस बार भी बरेली शरीफ से करीब 264 किलोमीटर दूरी का पैदल सफर तय कर अकीदतमंदों जायरीनों का जत्था साबरी झंडा लेकर रविवार को पिरान कलियर शरीफ पहुंचा।
पैदल झंडा लेकर पहुंचे अकीदतमंदो/जत्थे का साहबजादा शाह यावर मियां ने ढोल नगाड़ों और फूल मालाओं के साथ गर्मजोशी के साथ स्वागत किया।
इसके बाद सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी कुद्दूसी की सरपरस्ती में हजारों अकीदतमंदों की मौजूदगी में दरगाह साबिर के बुलंद दरवाजे पर झंडा कुशाई (फहराने) की रस्म अदा की गई। जिसके बाद देश की तरक्की और खुशहाली की दुआएं मांगी गई।

साहबजादा शाह यावर साबरी ने बताया कि बरेली शरीफ से सूफी वसीम साबरी और सूफी कमाल साबरी की सरपरस्ती में 150 अकीदतमंद जायरीनों का जत्था पैदल झंडा लेकर पिरान कलियर के लिए रवाना किया गया था। 15 दिन का पैदल सफर तय करने के बाद जत्था रविवार को कलियर शरीफ पहुंचा।
कलियर पहुंचने पर दरगाह साबिर पाक के सज्जादानशीन शाह अली मंजर एजाज साबरी के नेतृत्व में झंडा लेकर आए अकीदतमंदों का ढोल नगाड़ों और फूल मालाओं के साथ स्वागत किया। इससे पहले रास्ते में फतेहगंज, रामपुर, मुरादाबाद, ज्वालापुर, बढ़ेडी राजपूतान, रहमतपुर, पिरान कलियर में जत्थे का लोगों ने स्वागत किया।
इस दौरान उन्होंने बताया कि साबिर पाक के उर्स की पहली रस्म परचम कुशाई अकीदत और मोहब्बत के साथ सज्जादा नशीन शाह अली एजाज साबरी कुद्दूसी की सरपरस्ती में अदा की गई। परचम (झंडा) कुशाई की रस्म के बाद देश की तरक्की और खुशहाली की दुआएं मांगी गई।
इस दौरान परचम कुशाई की रस्म में सुरक्षा के लिहाज से भारी पुलिस बल तैनात रहा और खुफिया विभाग भी अलर्ट रहा। इस दौरान शाह खालिक मियां, सज्जादानशीन प्रतिनिधि शाह सुहैल मियां, नोमी मियां मुनव्वर अली साबरी,असद मियां, सूफी राशिद साबरी,सूफी इसरार साबरी, आमिर खान, मोईन साबरी, समेत हजारों अकीदतमंद मौजूद रहे।
बरेली से लेकर कलियर तक हुआ जत्थे का स्वागत…
बरेली से झंडा लेकर पैदल रवाना हुए अकीदतमंद जायरीनो का जत्था सकुशल पिरान कलियर पहुंच गया। साबरी झंडे का बरेली से लेकर कलियर तक स्वगत किया गया।