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2018 में छात्रा से दुष्कर्म मामले में कोर्ट ने सुनाया बड़ा फैसला…स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शिक्षक – प्राचार्य को ठहराया दोषी…कोर्ट ने 20 साल की सुनाई सजा 

कोर्ट ने 20 साल की सुनाई सजा 

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क्लिकउत्तराखंड:- ( ब्यूरो ) राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान में छात्रा से दुष्कर्म के मामले में 18 अगस्त 2018 को जिला बाल कल्याण समिति की तरफ से शिक्षक के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था।

जिसको लेकर कोर्ट से आज बड़ा फैसला आया। स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट ने शिक्षक – प्राचार्य को दोषी ठहराया हैं।

(फाइल फोटो)

राष्ट्रीय दृष्टि दिव्यांगजन सशक्तीकरण संस्थान (एनआईईपीवीडी) में छात्रा से छेड़खानी और दुष्कर्म के मामले में संस्थान के शिक्षक सुचित नारंग और प्राचार्य डॉ अनुसूया शर्मा दोषी करार दिया गया है।

(फाइल फोटो)

स्पेशल फास्ट ट्रैक कोर्ट में 2018 के मामले की सुनवाई चल रही थी। जिसके बाद आज आरोपी शिक्षक सूचित नारंग को 20 साल की सजा सुनाई गई वहीं, प्राचार्या अनुसूया को छह माह की कैद की सजा हुई है।

क्या था पूरा मामला………

राजपुर रोड स्थित एनआईईपीवीडी (पूर्व में एनआईवीएच) में नाबालिग छात्रा से छेड़छाड़ के आरोप के बाद बीते 18 अगस्त 2018 को जिला बाल कल्याण समिति की तरफ से राजपुर थाने में शिक्षक सुचित नारंग के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया था। मुकदमा दर्ज होने के बाद काफी समय तक अंडरग्राउंड रहे सुचित ने हाईकोर्ट से जमानत नहीं मिलने पर 25 सितंबर 2018 को कोर्ट में सरेंडर कर दिया था। पुलिस ने जांच में पीड़ित छात्रा के बयान दर्ज किए तो सामने आया कि उसने मुकदमा दर्ज होने से करीब छह महीने पहले संस्थान की प्राचार्य और उपप्रचार्या से भी इसकी शिकायत की थी।

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