आदेश जारी होने के बाद भी “ठंडे बस्ते” में पड़े कई पुलिस निरीक्षक और उप निरीक्षकों के “ट्रान्सफर”
मैदान में तैनात दरोगाओं और इंस्पेक्टरो का दबदबा जारी, मलाईदार थाने व कोतवालियो में अब भी डटे कई पुलिसकर्मी
क्लिक उत्तराखंड:-(ब्यूरो) प्रदेश में दरोगा-इंस्पेक्टर का वर्चस्व सरकार में इतना प्रभावशाली हो चुका है कि वह कई अन्य दरोगा-इंस्पेक्टरो का कई महीनों से हक मारने में जुटे हुए हैं। उच्च अधिकारी चाहकर भी उनका खेल नहीं रोक पा रहे हैं।
मनचाहे थाने, कोतवाली में डटे दरोगाओं और इंस्पेक्टरो को पहाड़ चढ़ाने के आदेश जारी हो चुके है, लेकिन मैदानी क्षेत्रों में डटे कुछ दरोगाओं और इंस्पेक्टरो की कुर्सी अब तक नहीं हिल पाई हैं।
वार्षिक स्थानांतरण नीति 2020 और पुलिस मुख्यालय के निर्देश पर आईजी गढ़वाल कार्यालय की ओर से बीते दिनों मैदानी क्षेत्रों में वर्षों से तैनात दरोगाओं और इंस्पेक्टरों को पहाड़ एवं पहाड़ पर तैनात पुलिसकर्मियों को मैदान भेजने के आदेश जारी की किए गए थे।
जिनमें से कुछ दरोगाओं और इंस्पेक्टरो को पहाड़ के लिए रवाना कर दिया गया था, लेकिन कुछ दरोगा-इंस्पेक्टर अब भी आदेश जारी होने के बाद मलाईदार थाने कोतवालियो में डटे हुए हैं।
जिससे लगता हैं कि मैदान में डटे पुलिसकर्मियों की अच्छी खासी सेटिंग गेटिंग हैं, जिसके कारण लंबा समय बीत जाने के बाद भी उनको पहाड़ के लिए रवाना नहीं किया गया हैं। वही पहाड़ों से सुगम क्षेत्र में आने की आस लगाए बैठे कई “पुलिसकर्मी” अपने आला अधिकारियों का मुंह ताक रहे हैं। सेटिंग गेटिंग के चलते हुए कई पुलिसकर्मियों के हक से उनको वंचित रखा जा रहा हैं।
पहाड़ से मैदान में ट्रांसफर आदेश जारी होने के बाद भी कुछ पुलिसकर्मियों को मैदानी क्षेत्रों में नहीं भेजा गया। जबकि ट्रान्सफर आदेश होने के बाद भी उनको मैदानी क्षेत्रों के रिलीव नहीं किया गया हैं। जिसके कारण कई दरोगा और कोतवाल पहाड़ी क्षेत्रों में ड्यूटी निभा रहे है।
वही जानकारों का मानना हैं कि मैदान में तैनात कुछ दरोगाओं और इंस्पेक्टरो का दबदबा हैं, तभी तो आदेश जारी होने के बाद भी मैदानी क्षेत्रों में कुछ दरोगा और इंस्पेक्टर मलाईदार थाने व कोतवालियो में अब तक डटे हुए हैं।