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झमाझम बारिश ने कलियर में दुकानदारों के अरमानों पर फेरा पानी

सालभर तक उर्स के इंतजार में बैठे रहते हैं स्थानीय दुकानदार, लेकिन बारिश से बाजार सुनसान

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क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपुत) दरगाह साबिर पाक का 756वें सालाना उर्स/मेला मेहंदी डोरी की रस्म के साथ 4 सितंबर को शुरू हो गया था।

दरगाह साबिर पाक रह०अलैहि०(फोटो)

उर्स/मेले में जिला प्रशासन, दरगाह प्रबंधन के साथ साथ स्थानीय दुकानदार भी तैयारियों में जुटे हुए थे। लेकिन दो दिन से लगातार हो रही बारिश ने दुकानदारों के अरमानों पर पानी फेर दिया।

खाली पड़े बाजार(फोटो)

रुक रुक कर हो रही बारिश के कारण जायरीन कलियर नही पहुंच रहे हैं। और साथ ही जगह जगह कीचड़ और जलभराव की समस्या उत्पन हो गई हैं। बारिश के कारण जायरिनों की संख्या में काफी कमी देखी गई हैं। जिसके कारण बाजार सुनसान पड़े हुए हैं।

बारिश के कारण दरगाह साबिर पाक परिसर भी खाली

आज यानी रब्बी अव्वल की नौ तारीख से दरगाह साबिर पाक का सालाना उर्स/ मेला अपने पूरे शबाब पर होता है। उर्स में शामिल होने के लिए दूर दराज से अकीदतमंद जायरीन कलियर पहुंचते हैं।

कीचड़ में तब्दील अस्थाई मेला कोतवाली(फोटो)

लेकिन पिछले दो दिन से हो रही बारिश से जीवन अस्त व्यस्त हैं। जिसके कारण अकीदतमंद जायरिनों में भारी कमी देखी गई। वही उर्स/ मेले की आस में बैठे दुकानदारों के अरमानों पर भी पानी फिर गया हैं।

व्यस्तम पीपल चौक पर आवाजाही पर लगा ब्रेक(फोटो)

बाजारों में कीचड़ और मेला ग्राउंड समेत अन्य स्थानों पर जलभराव की समस्या उत्पन हो गई हैं। बारिश के कारण बाजार सुनसान पड़े हुए हैं।

कई दुकानदार ऐसे हैं, जो इस आस में बैठे थे कि साबिर पाक का उर्स/मेले आयेगा। तो उनकी आर्थिक स्थिति ठीक हो जाएगी। लेकिन बारिश होने के चलते उनकी आस अधूरी रह गई है।

पहाड़ी गेट की ओर खाली पड़ा बाजार

माना जा रहा है कि अगर खुदा ही इन गरीब दुकानदारों पर मेहरबान हो जाए। तो आगमी पांच दिनों उर्स/मेले की मुख्य रस्मो के समय मौसम साफ होता हैं तो उर्स/ मेले में शामिल होने के लिए भारी संख्या में अकीदतमंद जायरीनों के पहुंचने का अनुमान लगाया जा रहा है। जिससे इन दुकानदारों को राहत मिल सकती हैं।

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