शादाब शम्स के बयान पर राजनीति गरमाई…सोशल मीडिया से लेकर राजनीति गलियारों में विरोध के सुर तेज…
दरगाह कार्यालय पर 75 वे गणतंत्र दिवस के मौके पर दिए बयान से कही राजनीति आकाओं को खुश करने में तो नही लगे शादाब शम्स, (आलोचना)
क्लिकउत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स के मदरसे में श्रीराम के किरदार को पढ़ाने और श्रीराम की तुलना नबियों से करने वाले बयान की कड़ी आलोचना शुरू हो गई।
उनके बयान से सोशल मीडिया से लेकर राजनीति गलियारों में हलचल तेज हो गई हैं। और साथ ही शादाब शम्स द्वारा दिए गए बयान को लेकर लोग राजनीति आकाओं को खुश करने से जोड़कर देख रहे हैं।
(फाइल फोटो)
दरगाह कार्यालय कलियर में 75वें गणतंत्र दिवस के अवसर पर उत्तराखंड वक्फ बोर्ड अध्यक्ष शादाब शम्स ने कलियर में पत्रकरो से वार्ता के दौरान मदरसो में श्रीराम के किरदार को पढ़ाने और श्रीराम की तुलना नबियों से करने वाला बेतुका बयान दिया था।
(फाइल फोटो)
जिसको लेकर राजनीति सियासत गरमा गई हैं। लोग सोशल मीडिया पर तरह तरह के कमेंट्स कर वक्फ बोर्ड अध्यक्ष को नसीहत कर रहे हैं।
(सोशल मीडिया से विधायक उमेश कुमार)
वही खानपुर विधायक एवं वरिष्ठ पत्रकार उमेश कुमार ने सोशल मीडिया से निशाना साधते हुए लिखा कि वक्फ बोर्ड अध्यक्ष अपना मानसिक संतुलन खो चुका है। और साथ ही उन्होंने लिखा तुम कौन होते हो बताने वाले कि रामायण मंदिर में पढ़े या मदरसे में, उन्होंने वक्फ बोर्ड अध्यक्ष को हद में रहने की कड़ी नसीहत की हैं।
(फाइल फोटो)
उत्तर प्रदेश के सपा सांसद एसटी हसन ने मदरसों में राम कथा पढ़ाए जाने पर कहा कि अगर मैं कहूं सरस्वती शिशु मंदिर में हजरत गैसे ए पाक के बारे में पढ़ाया जाए। तो क्या उत्तराखंड सरकार उसको स्वीकार करेगी।
(फाइल फोटो)
वही आम इंसान विकास पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष आकिल अहमद ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर उनके बयान की कड़ी आलोचना की हैं। फिलहाल सोशल मीडिया पर वक्फ बोर्ड अध्यक्ष के बयान से सियासी पारा गर्माया हुआ
(फाइल फोटो)
बताया जा रहा है कि वक्फ बोर्ड इसी सत्र से मदरसों के पाठ्यक्रम में यह बदलाव करने जा रहा है। पाठ्यक्रम संचालन को लेकर वक्फ बोर्ड की ओर से 117 मदरसा प्रबंधकों को आवश्यक निर्देश दिए गए हैं।