जिम ट्रेनर वसीम उर्फ मोनू प्रकरण: CJM कोर्ट के आदेश पर जिला अदालत की कोर्ट ने अग्रिम आदेशों तक लगाई रोक
CJM कोर्ट ने 3 नामजद समेत अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ केस दर्ज करने के दिए थे आदेश, जिला अदालत ने सुनवाई की अगली तारीख 21 जुलाई की निर्धारित....

क्लिक उत्तराखंड:-(ब्यूरो) रूड़की के माधोपुर में जिम ट्रेनर वसीम उर्फ मोनू सनसनीखेज प्रकरण मामले में सीजेएम कोर्ट के आदेश पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार अनिरुद्ध भट्ट की कोर्ट ने रोक लगा दी हैं। वहीं कोर्ट ने इस मामले में रोक लगाते हुए सुनवाई के लिए 21 जुलाई की तारीख निर्धारित की हैं।

विगत 24/25 अगस्त 2024 को सोहलपुर गाड़ा निवासी वसीम उर्फ मोनू की तालाब के पानी में डूबने से मौत हो गई थी। परिजनों ने सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या करने का आरोप लगाते हुए गौ संरक्षण स्क्वायड टीम को उसका जिम्मेदार ठहराया था। परिजनों का आरोप हैं कि करीब एक साल बीत जाने के बाद भी गौ स्क्वायड की टीम पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था।

जिसको लेकर मृतक जिम ट्रेनर वसीम उर्फ मोनू के चचेरे भाई ने कोर्ट का सहारा लिया था और CJM कोर्ट ने मृतक वसीम उर्फ मोनू के चचेरे भाई के प्रार्थना पत्र पर 3 नामजद उपनिरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी, कांस्टेबल प्रवीण सैनी समेत अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ 24 घंटों के भीतर गंगनहर कोतवाली पुलिस को संबंधित धाराओं में केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।
इसके अलावा कोर्ट ने एसएसपी हरिद्वार को सनसनीखेज प्रकरण की CO रैंक के अधिकारी से निष्पक्ष जांच करने के आदेश भी दिए थे।
वहीं अब सीजेएम कोर्ट आदेश के खिलाफ सब इंस्पेक्टर शरद सिंह ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर प्राथमिक दर्ज ना करने के प्रार्थना पत्र दिया हैं।
प्रार्थना पत्र पर सुनवाई करते हुए CJM कोर्ट के आदेश पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार की कोर्ट ने अग्रिम आदेशों तक रोक लगा दी हैं। हरिद्वार जिला एवं सत्र न्यायाधीश अनुरुद्ध भट्ट की कोर्ट ने इस मामले में रोक लगाते हुए सुनवाई की अगली तिथि 21 जुलाई निर्धारित की हैं।