कलियर एंबुलेंस को उपचार की दरकार…
सालो से साबरी गेस्ट हाउस में धूल फांक रही एंबुलेंस, क्या कहते हैं वक्फ बोर्ड सीईओ?
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपुत) सरकारी कार्यालयों में अक्सर अधिकारी संसाधनों की कमी का हवाला देते हुए आमजन की परेशानी दूर करने में असमर्थता जताते रहते है। लेकिन जब इन्हीं विभागों को संसाधन उपलब्ध हो जाए, तो वे इसका सही उपयोग और रखरखाव नहीं कर पाते हैं।
ऐसा ही मामला पिरान कलियर दरगाह कार्यालय से आया है। जहां पर दरगाह साबिर पाक में आने वाले जायरीनों की सुविधा के लिए उत्तराखंड वक्फ बोर्ड ने लाखो रुपए खर्च कर एक एम्बुलेंस खरीदी थी।
जोकि करीब ढाई साल से साबरी गेस्ट हाउस में धूल फांक रही हैं। जिसको लेकर दरगाह प्रबंधन की लापरवाही उजागर हुई हैं।
दरगाह साबिर पाक के 756वें सालाना उर्स का आगाज मेहंदी डोरी की रस्म के साथ शुरू हो गया है। उर्स में शामिल होने के लिए देश अलग अलग हिस्सों से अकीदतमंद जायरीनों के आने का सिलसिला भी शुरू हो गया।
आगमी दिनो में जैसे जैसे उर्स/मेला की रस्मे नजदीक आती जायेगी तो उर्स मेला अपने पूरे सबाब पर पहुंचना शुरू हो जाएगा। वही उर्स में आने वाले जायरीनों जिला प्रशासन और दरगाह प्रबंधन की ओर से सुविधा उपलब्ध कराई जाती हैं।
लेकिन दरगाह साबिर पाक में जायरीनों की सुविधा के लिए उत्तराखंड वक्फ बोर्ड के सौजन्य से करीब ढाई साल पहले लाखो रुपए खर्च कर एक एम्बुलेंस खरीदी गई थी। जिसको पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक में आने वाले जायरीनों की सुविधा के लिए लगाया गया था। लेकिन एम्बुलेंस साबरी गेस्ट हाउस में लंबे समय से कबाड़ होकर धूल फांक रही हैं। जिस पर दरगाह प्रबंधन और अधिकारियों का ध्यान नहीं जा रहा है।
जिसका खामियाजा कलियर आने वाले जायरीनों को भुगतना पड़ रहा हैं। अगर किसी जायरीन की कलियर आने पर तबीयत बिगड़ जाती है। तो उसको अपने निजी खर्च से अस्पताल के लिए जाना पड़ता है। या फिर उर्स मेले के दौरान लगाई गई एम्बुलेंस से अस्पताल भिजवाया जाता हैं। वही साबरी गेस्ट हाउस में खड़ी एम्बुलेंस का कोई उपयोग नहीं किया जा रहा है। जिसके कारण एम्बुलेंस साबरी गेस्ट में धूल फांक रही हैं।
क्या कहते हैं वक्फ बोर्ड सीईओ…
वक्फ बोर्ड के सीईओ सैय्यद सिराज उस्मान ने बताया है कि जो एम्बुलेंस साबरी गेस्ट हाउस में खड़ी है उसको रिपेयर कराकर चलती हालत में कलियर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र को सौंप दिया जायेगा। दरगाह के पास कर्मचारियों का अभाव होने के कारण पीएचसी केंद्र इसका उपयोग कलियर में आने वाले जायरीनों के लिए करेगा।