खानकाह फैजाने वाहिद में मनाया गया जश्ने ईद मिलादुन्नबी(बराहवफात)
एकता भाई चारे का पैगाम देता हैं साबिर पाक का उर्स......... गद्दीनशीन सैय्यद फरीद आलम साबरी
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपुत) पैगम्बर मोहम्मद साहब और कलियर दरगाह साबिर पाक के उर्स की बड़ी रोशनी के मौके खानकाह ए फैजाने वाहिद में देर रात महफिल ए शम का आयोजन किया गया।
इस दौरान गद्दीनशीन सैय्यद फरीद आलम साबरी ने देश की तरक्की, खुशहाली और अमन चैन की दुआएं कराई।
आपको बता दे कि साबिर पाक का 756 वें सालाना उर्स चल रहा हैं। इस दौरान खानकाह ए फैजाने वाहिद में जश्ने ईद मिलादुन्नबी (बराहवफात) का आयोजन किया गया। इस दौरान महफिल ए शमां में पहले कुरान ख्वानी हुई।
उसके बाद अलीगढ़ , लोनी अंबेटा, सहारनपुर के महशूर कव्वालों ने साबिर पाक की शान में सूफियाना कलाम पेश किए। सूफियाना कलाम का लुप्त उठते हुए जायरीन झूम उठे। वही उदयपुर से आए साबरी आसिफ नियाजी ने “ऐ सखी मोरे साबिर घर आए भाग जगे मोरे आंगन के” का सूफियाना कलाम पेश किया। इस दौरान जायरिनों ने सूफियाना कलाम का लुप्त उठाया।
खानकाह ए फैजाने वाहिद के गद्दीनशीन सैय्यद फरीद आलम साबरी ने बताया कि जश्ने ईद मिलादुन्नबी, और साबिर पाक उर्स एकता भाई चारे का पैगाम देता हैं। सूफी संत हमेशा ही पैगंबर मोहम्मद साहब के पदचिन्हों पर इंसानियत का पैगाम देते हैं। उर्स में जायरिनों के लिए दोनो समय लंगर बांटा जाता है। जायरिनों की सुविधा के लिए खानकाह ए फैजाने वाहिद में सभी साथी बढ़ चढकर हिस्सा लेते हैं।
इस दौरान सैय्यद शान मियां, सैय्यद शोएब, सैय्यद वासिफ मियां, सैय्यद शादाब, राव फरमान, राव फरमान उर्फ भूरा, डॉक्टर तहसीम, डॉक्टर, राव अबरार, राव सैफ अली, कालू खान, जावेद खान, राव चाहत, राव आसिफ, साकिर साबरी समेत अन्य मुरीदेन और अकीदतमंद जायरीन मौजूद रहे।