मंजिल बहादुरों का इस्तकबाल करती है, बुजदिलो को तो रास्ते का खौफ ही मार देता है
सलाम है तेरी बहादुरी को, अबतक दर्जनों जिंदगी बचा चूका है शारिक
क्लिक उत्तराखंड:-(सरवर सिद्दीकी की कलम से) पिरान कलियर में दरगाह साबिर पाक की जियारत करने के लिए चंदौली बनारस से आए मो करीम की जान आफत में तब पड़ गई।
जब वह कलियर गंगनहर की तेज लहरों की चपेट में आकर नहर में डूबने लगा। अपनी जान जोखिम में डालकर कलियर निवासी शारिक ने अपनी जान पर खेल जायरीन को नहर में डूबने से बचाया।
(फाइल फोटो)
वैसे तो दरगाह प्रशासन व पुलिस प्रशासन की ओर से कलियर नहर पर लाउडस्पीकर लगे हुए है और बार बार अलाउंस होता रहता है कि गंगा नहर में काफी पानी है ज़रा संभल कर नहाए लेकिन बाहर से आने वाले जायरीन ज्यादातर नहर में ही नहाते है।
और आए दिन डूबते रहते है क्योंकि कलियर नहर घाट पर कोई भी ऐसी सुविधा नही है जो डूबते हुए को बचाने में मदद मिल सके। ना ही गंगनहर पर अब तक जल पुलिस की तैनाती की गई है।
(फाइल फोटो)
जबकि पूर्व डीजीपी अशोक कुमार के दरबार में मामला गूंज चुका था लेकिन अब तक कलियर में जल पुलिस की तैनाती नही की गई हैं। लेकिन सलाम है उस मां को जिसने शारिक जैसे बेटे को जन्म दिया जो दरगाह पिर गैब साहब में प्रसाद की दुकान पर बैठता है।
(फाइल फोटो)
जैसे ही उसको गंगनहर में कोई डूबता हुआ दिखता तो शारिक लगभग बीस फुट की ऊंचाई से छलांग लगा देता है और अब तक शारिक सिद्दीकी निवासी महमूदपुर ने कई दर्जनों से भी ज्यादा नहर में डूबने वाले को अपनी जान की परवाह किए बगैर उनको बचा चूका है।
शारिक सिद्दीकी के पिता आमिल ठेकेदार का कहना है मुझको अपने बेटे पर गर्व है कि मेरे पुत्र शारिक ने न जाने कितनी माओ के लालो को डूबने से बचाया है ओर चंदौली बनारस से आए मो करीम के परिवार वालो ने शारिक को दी लंबी उम्र की दुआएं दी।
(फाइल फोटो)
ओर बोले धन्ने है वो मां जिसने शारिक जैसे बेटे को जन्म दिया और सलामत रहे वो बाप जिसने अपने बेटे को इंसानियत का पाठ पढ़ाकर डूबते हुए लोगो की जान बचाने का हौसला दिया। वही एक बार फिर से जल पुलिस की मांग को लेकर स्थानीय जनप्रतिनिधियों का एक जत्था एसएसपी से लेकर डीजीपी से मुलाकात करेगा।