उत्तराखंड

जेल में कैदी से मारपीट के मामले में हाइकोर्ट ने अपनाया सख्त रुख: डिप्टी जेलर और कांस्टेबल को सस्पेंड करने के आदेश 

कैदी की चोटों को मेकअप से ढकने का प्रयास, सचिव डीएलएसए की रिपोर्ट पर हाइकोर्ट ने लिया संज्ञान, बर्बरता में शामिल अन्य जेल पुलिसकर्मियों पर गाज गिरनी तय.....(पढ़िए खबर)

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क्लिक उत्तराखंड:-(ब्यूरो) उत्तराखंड की सितारगंज जेल से इंसानियत को शर्मसार करने वाली घटना सामने आई है. जेल में बंद कैदी के साथ डिप्टी जेलर समेत अन्य जेल पुलिसकर्मियों पर मारपीट के साथ बर्बरता का आरोप लगाया गया हैं।

फाइल फोटो

इस मामले में नैनीताल हाइकोर्ट ने सचिव डीएलएसए की रिपोर्ट पर सख्त रुख अपनाते हुए सितारगंज जेल में तैनात डिप्टी जेलर नवीन चौहान और कांस्टेबल राम सिंह कपकोटी को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड करने के आदेश दिए हैं। इसके साथ ही हाइकोर्ट ने जेल अधीक्षक को उन अन्य अधिकारियों के नाम प्रस्तुत करने के लिए कहा है जो  सचिव की कैदी से बातचीत के दौरान मौके पर मौजूद थे।

नैनीताल हाइकोर्ट में कैदी सुभान के साथ सितारगंज जेल में हुई बर्बरता और मारपीट मामले में कोर्ट ने सख्त रुख अपनाया हैं। कैदी सुभान की ओर पेश हुई अधिवक्ता प्रभा नैथानी ने कोर्ट को बताया कि सुभान के साथ जेल में अत्याचार किया जा रहा हैं। कोर्ट ने तुरंत जिला विधिक सेवा प्राधिकरण उधमसिंहनगर को जेल का निरीक्षण करने के आदेश दिए।

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निरीक्षण के दौरान सचिव डीएलएसए ने जांच रिपोर्ट में चौंकने वाले खुलासा किया हैं। जब सचिव डीएलएसए जांच के लिए सितारगंज जेल पहुंचे तो इस दौरान कैदी सुभान डरा-सहमा हुआ मिला, उसकी आंखें खून से भरी थीं, एक तरफ सूजन शरीर पर स्क्रैच, पुराने जले के निशान, जिन्हें मेकअप से ढकने की कोशिश की गई।

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कैदी ने बताया कि 28 जून को जेल स्टाफ ने उसे पीटा, पर डर से नाम नहीं बता सका। DLSA सचिव ने देखा कि कांस्टेबल राम सिंह कपकोटी डंडा पटकते हुए धमका रहा था। सचिव डीएलएसए ने पूरी जांच के बाद रिपोर्ट कोर्ट समक्ष पेश की।

मंगलवार को मुख्य न्यायाधीश न्यायमूर्ति जी नरेंद्र व न्यायमूर्ति आलोक मेहरा खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान खंडपीठ ने सख्त रुख अपनाते हुए सितारगंज जेल में तैनात डिप्टी जेलर नवीन चौहान और कांस्टेबल राम सिंह कपकोटी को निलंबित करने के ADGP(कारागार) को आदेश दिए हैं।

फाइल फोटो

इसके साथ ही हाइकोर्ट ने जेल अधीक्षक को उन अन्य अधिकारियों के नाम प्रस्तुत करने के लिए कहा है जो DLSA सचिव की कैदी से बातचीत के दौरान मौके पर मौजूद थे। इसके साथ हाईकोर्ट की खंडपीठ ने कैदी को कोर्ट में पेश करने के आदेश भी दिए हैं।

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