24 घंटे, 6 जेलकर्मी निलंबित, 10 टीमें और एसआईटी टीम का गठन, लेकिन जिम्मेदार कौन?
जिला कारागार से फरार कैदी अब भी पुलिस की गिरफ्त से बाहर, देर रात तक चली पुलिस की हाईलेवल मीटिंग..सवाल कई?
क्लिक उत्तराखंड:-(ब्यूरो) हरिद्वार जिला कारागार से फरार दो कैदियों को 24 घंटे से ज्यादा का समय बीत गया हैं। लेकिन जेल से फरार आरोपी अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़े है।
वही जेल से फरार आरोपियों की लापरवाही का जिम्मेदार ठहराते हुए 6 जेल कार्मिकों पर गाज गिरी है। जेलकर्मियों पर गाज गिरने के बाद भी जेल प्रशासन पर कई सवाल खड़े हो रहे हैं?
वही देर रात एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने 10 पुलिस टीमों और एसपी सिटी व एसपी क्राइम के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है। और पुलिस जल्द आरोपियों को पकड़ने का दावा कर रही हैं। एएसपी सदर जितेंद्र मेहरा को भी एसआईटी का टीम लीडर बनाया गया हैं।
क्या था मामला…..
शुक्रवार की शाम रामलीला के दौरान जिला कारागार हरिद्वार से कुख्यात प्रवीण वाल्मीकि गैंग का गुर्गा पंकज निवासी रुड़की जोकि आजीवन कारावास की सजा काट रहा था, और विचाराधीन बंदी रामकुमार सीढ़ी और पाइप का सहारा लेकर जेल की दीवार फांदकर मौके से फरार हो गए। जेल प्रशासन को भनक उस वक्त लगी जब जेल की बैरिको में बंदियों की गिनती की जा रही थी।
इस दौरान दो कैदी अपनी बैरिकों में नही मिले। जिसके कारण जेल प्रशासन में हड़कंप मच गया और जेल प्रशासन ने अपने स्तर पर पूरी जेल को खंगाला लेकिन उनका कुछ पता नही लग पाया। उसके बाद शनिवार सुबह पुलिस को पूरे घटनाक्रम की जानकारी दी गई।
घटना की जानकारी मिलते ही हरिद्वार पुलिस में खलबली मच गई। एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र सिंह डोबाल और हरिद्वार जिलाधिकारी कर्मेंद्र सिंह ने जेल में जाकर बारीकी से निरीक्षण किया तो बड़े स्तर से जेल प्रशासन की लापवाही पकड़ी गई।
6 जेलकर्मी निलंबित, 10 टीमें और एसआईटी टीम का गठन…
कैदियों के भागने के मामले में कड़ा एक्शन लेते हुए 6 जेल कर्मियों को निलंबित कर दिया गया। इन कार्मिकों को ड्यूटी के प्रति बरती गयी लापरवाही एवं उदासीनता के लिए तत्काल प्रभाव से निलम्बित कर दिया गया है.साथ ही घटना की विस्तृत जांच के लिए उप महानिरीक्षक कारागार को निर्देशित किया गया है।
निलंबित 6 कार्मिकों में प्यारे लाल आर्य, प्रभारी अधीक्षक/कारापाल, कुवर पाल सिंह, उप कारापाल सर्किल जेलर / चक्राधिकारी, प्रेमशंकर यादव, दिन हेड वार्डर, विजय पाल सिंह, हेड वार्डर-प्रभारी गिर्दा हेड, ओमपाल सिंह, बदीरक्षक प्रभारी निर्माण स्थल, नीलेश कुमार, हेड वार्डर प्रभारी गेटकीपर पर कार्रवाई की गई है।
वही एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने फरार कैदियों के प्रकरण के मामले में देर रात हाईलेवल स्तर पर मीटिंग बुलाई। और 10 टीमों का गठन किया। इसके साथ ही एसपी सिटी स्वतंत्र कुमार व एसपी क्राइम पंकज गैरोला के नेतृत्व में एसआईटी का गठन किया है।
एएसपी सदर जितेंद्र मेहरा को भी एसआईटी का टीम लीडर बनाया गया हैं। पुलिस दावा कर रही हैं कि जेल से फरार दोनो कैदियों को जल्द गिरफ्तार कर लिया जायेगा। एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने कहा कि हमने इसको एक चैलेंज के रूप में लिया हैं, जल्दी ही वर्कआउट कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया जाएगा।
सवाल कई? जिम्मेदार कौन?
हरिद्वार जिला कारागार से फरार कैदियों के मामले को लेकर कई अहम सवाल खड़े हो रहे हैं। सवाल यह हैं कि फरार दोनो कैदियों ने एक ही दिन में तो योजना नही बनाई होगी?
तो फिर हरिद्वार जेल अधीक्षक के छुट्टी पर होने के कारण क्या उनकी जवाबदेही नही बनती हैं? जेल में बाहरी लोगो की आवाजाही भी शक के दायरे में हैं। क्योंकि धार्मिक आयोजन के दौरान बाहर से लोग आए होंगे?
वही हरिद्वार जेल के अंदर तिहाड़ जेल की तर्ज पर हाई सिक्योरिटी बैरिको का निर्माण कराया जा रहा है। इतनी बड़ी लापरवाही के बाद भी जेल अधीक्षक की चुप्पी क्यों साधे हुए हैं?
सवाल यह भी है? हरिद्वार जेल को कुख्यात बदमाशो के लिए सबसे सुरक्षित जेलो में गिना जाता हैं, तो इतनी बड़ी लापरवाही से जेल की सुरक्षा भी कटघरे में हैं।