
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) पोषाहार अनियमितता में कार्रवाई के नाम पर अवैध वसूली करने के ऑडियो प्रकरण पर सीडीपीओ से स्पष्टीकरण तलब किया गया है।
वही आला अधिकारियों ने बीते दिनों अनियमितताओ के नाम पर अवैध वसूली की जांच भी बैठा दी थी। महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग के निदेशक की ओर से मुख्य विकास अधिकारी को जांच सौंपी गई है।

इसी बीच विभागीय जांच के दौरान सीडीपीओ रुड़की वर्षा शर्मा पर अपने पद का दुरुप्रयोग करते हुए फर्जी शैक्षिक प्रमाणपत्र पर नौकरियां कर रही आंगनवाड़ी कार्यकर्ता से आधा वेतन, खिलौना फर्जीवाडा, कमीशनखोरी समेत सरकारी धन का दुरुप्रयोग करते हुए निजी यात्रा के कई गंभीर आरोप लगे हैं। शिकायतकर्ता ने हरिद्वार के मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) को लिखित में शिकायत करते हुए मामले की जांच कर कार्यवाही की मांग की है।

हरिद्वार में महिला सशक्तिकरण एवं बाल विकास विभाग में ऑडियो वायरल होने के बाद से हड़कंप मचा हुआ हैं। ऑडियो वायरल होने के बाद विभागीय अधिकारी अभी जांच ही कर रहे हैं। इसी दौरान शिकायतकर्ता ने सीडीपीओ रूड़की पर कई गंभीर आरोप लगाए हैं।

शिकायतकर्ता ने मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) से शिकायत की है कि सीडीपीओ रुड़की वर्षा शर्मा ने अनेकों अनियमिताओं और अवैधानिकताएं फैलाते हुए भारी भ्रष्टाचार फैलाया हुआ है। शिकायतकर्ता ने पत्र में बताया कि संगीता सैनी सहायिका शांतरशाह और मंजू आंगनवाड़ी कार्यकर्ता भौंरी के विभागीय जांच के दौरान शैक्षिक प्रमाणपत्र फर्जी मिले थे।

फर्जी प्रमाणपत्र के चलते दोनों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा अभी तक सेवाएं दी जा रही हैं। आरोप है कि सीडीपीओ द्वारा मिलीभगत कर दोनों आंगनवाड़ी कार्यकर्ताओं से आधा वेतन लिया जा रहा है। उनको आजतक नौकरी से नहीं हटाया गया है।

आरोप है कि विभाग ने प्रत्येक केंद्रों को खिलौने की कीट खरीदकर दी गई थी, जिसमें सीडीपीओ वर्षा शर्मा ने अपने कार्यकाल बहादराबाद और रुड़की में रहते हुए आंगनवाड़ी कार्यकत्री से फर्जी खिलौने की कीट रिसीव कराकर उनको केंद्रों पर जाने से पहले ही बेच दिया।
कमीशनखोरी और सरकारी गाड़ी से निजी यात्रा कर सरकारी धन के दुरुप्रयोग का भी आरोप….

शिकायतकर्ता ने आरोप लगाया हैं कि जिन आंगनवाड़ी केंद्रों को किराए के भवन में चलाया जा रहा है। उनका किराया बढ़ाकर भवन स्वामी से आंगनवाड़ी कार्यकर्ता के माध्यम से वापस ले लिया जाता हैं।

आरोप है कि कमीशनखोरी की चर्चा कही पर करने पर सीडीपीओ द्वारा पति के पुलिस विभाग में दरोगा होने और नौकरी से हटाने की धमकी देकर आंगनवाड़ी कार्यकर्ता का मुंह बंद करा दिया जाता है।

वही आरोप यह भी है कि सीडीपीओ को वर्तमान रुड़की और बहादराबाद में कार्यालय की ओर से जो वाहन अनुबंध करके सरकारी गाड़ी कामकाज की देखरेख के लिए दी गई हैं। सरकारी गाड़ी से वह मुख्यालय को छोड़कर अपनी निजी यात्रा ज्यादा करती है जिससे सरकारी धन का दुरुप्रयोग हो रहा हैं। वही शिकायतकर्ता ने शिकायती पत्र देकर कार्यवाही की मांग की हैं।



