
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) हरिद्वार यूनिवर्सिटी में बड़े स्तर पर आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कार्यक्रम के तहत विशेषज्ञों, शिक्षाविदों और तकनीकी दिग्गजों ने हिस्सा लिया।
कार्यक्रम में एआई लैब, इंटरेक्टिव शिक्षण प्लेटफॉर्म और स्मार्ट कैंपस समाधानों को भी प्रदर्शित किया गया। प्रोफेसरों ने कार्यक्रम में AI की उपलब्धियां भी गिनाई।
और कहा कि एआई से मुश्किल से मुश्किल काम पल भी आसानी से हो जाता है। वही उन्होंने उसके दुरुप्रयोग पर भी अपनी चिंता व्यक्त की हैं। 
रुड़की स्थित हरिद्वार यूनिवर्सिटी में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) कार्यक्रम के तहत उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड के विभिन्न इन्टर कॉलेजों से आए शिक्षकों, प्रोफेसरो और शिक्षाविदों ने प्रतिभाग किया।
इस दौरान प्रोफेसर डॉक्टर रवींद्र सैनी ने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) पर प्रकाश डालते हुए उसके सकारात्मक और नकारात्मक पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की।
और कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) का इस्तेमाल अगर सकारात्मक कार्यों में किया जाता है। तो यह आज के युग में एक संजीवनी साबित होगा। क्योंकि जिन कार्यों में कई घंटों का समय लगता था, अब एआई की मदद से उसको आसानी से और चंद मिनटों में किया जा सकता हैं।
हालांकि उन्होंने एआई के बढ़ते दुरुपयोग पर भी चिंता व्यक्त की हैं। उन्होंने कहा कि छात्रों और बच्चों को इसके नकारात्मक प्रभावों से दूर रखना अत्यंत आवश्यक हैं।

वही हरिद्वार यूनिवर्सिटी कुलाधिपति सीए एस० के० गुप्ता ने मंच से शिक्षकों और प्रोफेसरो का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) शिक्षकों को नवीन तकनीकी के प्रति जागरूक करने के साथ-साथ शिक्षा के प्रभावी को सही दिशा देने में सहायक सिद्ध हो रहा हैं।
एआई का इस्तेमाल हमें शिक्षा के नए मानक स्थापित करने में मदद कर रहा है। उन्होंने कहा कि एक शिक्षक होने के नाते हमारा फर्ज है कि बच्चों पर आई का सकारात्मक प्रभाव ही पड़े।
एआई को इस तरह से चैनेलाइज करें कि नकारात्मक प्रभाव बिल्कुल शून्य हो जाए। उन्होंने कहा कि इंडिया का एजुकेशन सिस्टम जो है, वह सबसे बढ़िया है। देश विदेश से स्टूडेंट्स हमारे देश में आते हैं। इस दौरान कुलाधिपति सीए एस० के० गुप्ता ने कार्यक्रम में पहुंचे शिक्षकों और प्रोफेसरो का फटका और गिफ्ट देकर सम्मान भी किया।
कार्यक्रम में ये रहे मौजूद….
कार्यक्रम में मुख्य रूप से विश्वविद्यालय के उपाध्यक्ष नमन बंसल, पी.वी.सी. डॉ. आदेश आर्य, कार्यक्रम संयोजक प्रो. जितेंद्र चौधरी, प्रो. निशा धीमान, डॉ. एकता जैन, डॉ. रविंद्र सैनी, कर्नल देवेंद्र कुमार यादव, रजिस्ट्रार सुमित चौहान, अभिनव भटनागर, जितेंद्र कटारिया सहित अन्य मौजूद रहे। कार्यक्रम में विभिन्न कॉलेजों के प्राचार्य अनुज पराशर, अरुण कर्णवाल, एलिन सीमोल, धर्मेंद्र सैनी, ज्योति त्यागी, कुतुबुद्दीन अहमद, संगीता सिंह, प्राची गोयल, प्रिया लेयर, सम्राट रावत, संदीप कुमार, संजय कुमार गुप्ता सहित अन्य प्राचार्य उपस्थित रहे।



