
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) पथरी क्षेत्र के धारीवाला गांव में संदिग्ध हालात में हुई किसान सुरेश की मौत का सच पोस्टमार्टम रिपोर्ट के बाद सामने आ गया है।

मृतक किसान की हत्या उसके ही भी भतीजे ने की हैं। पुलिस ने मामले का 48 घंटे के भीतर पर्दाफाश करते हुए हत्याकांड में शामिल आरोपी को दबोच लिया हैं।
क्या था मामला….

जानकारी के मुताबिक 2 दिसंबर की सुबह को पुलिस को सूचना मिली कि धारीवाला गांव में संदिग्ध हालात में किसान सुरेश की मौत हो गई है। जिसके बाद मौके पर पहुंची पुलिस ने आसपास लोगों से पूछताछ की और शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए अस्पताल भिजवाया।
पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद सुरेश की मौत का राज खुल गया। रिपोर्ट के मुताबिक सुरेश की गला दबाकर हत्या की बात सामने आई है। और शरीर पर कई चोटों के निशान बने हुए पाए गए। जिसके बाद पुलिस ने गांव में गहन पूछताछ की तो सामने आया कि मृतक अविवाहित था और भाई भतीजों के साथ अक्सर संपत्ति को लेकर विवाद रहता था।

घटना वाले दिन भी मृतक का अपने भाई-भतीजों से संपत्ति को लेकर विवाद हुआ था। जिसके बाद फेरूपुर चौकी प्रभारी विपिन कुमार ने स्वयं वादी बनकर मृतक किसान सुरेश को इंसाफ दिलाने के लिए हत्या का मुकदमा दर्ज कराया था संपत्ति विवाद को लेकर संदेह के आधार पर पुलिस की मृतक के भाई और भतीजे से पूछताछ की थी।

मामले की गंभीरता को देखते हुए एसएसपी हरिद्वार प्रमेंद्र सिंह डोबाल ने तत्काल कार्यवाही करते हुए जल्द खुलासा करने के दिशा निर्देश दिए थे। थाना प्रभारी मनोज नौटियाल के नेतृत्व में गठित टीम का शक उसी व्यक्ति पर गया , जो सबसे ज़्यादा चिल्ला–चिल्ला कर “फांसी” वाली कहानी सुना कर रोना धोना कर रहा था।
शक की सुई भतीजे सुनील पर अटकी। घटना के समय सबसे पहले सुनील (उम्र 25 वर्ष) ही सुरेश के पास पहुंचा था। सुनील ने घरवालों को बताया— “चाचा जी ने फांसी लगा ली… मैं उतारकर खाट पर लिटा आया। पूछताछ तेज हुई… सवाल गहरे हुए… और आखिरकार सुनील हार गया।
हत्यारोपी सुनील ने कबूली चाचा की हत्या…

पुलिस पूछताछ में खुलासा हुआ कि सुरेश शराब पीकर आए दिन सुनील को गाली देता था, उसे बैइज्जत करता था तथा सुरेश अपनी जमीन बेचने की बात करता था। सुनील के मन में जलन और गुस्सा भरता जा रहा था। घटना के दिन अत्यधिक गुस्से में सुनील ने चुन्नी से सुरेश का गला दबाया। हत्या के बाद वह घबरा गया और फांसी का नाटक रच दिया ताकि मामला आत्महत्या लगे।
फेरूपुर चौकी प्रभारी विपिन कुमार का रहा अहम योगदान….
संदिग्ध परिस्थितियों में किसान की मौत की सूचना मिलते ही फेरूपुर चौकी प्रभारी विपिन कुमार तत्काल पुलिस टीम के साथ मौके पर पहुंचे थे, घटनास्थल और आसपास सघन पूछताछ कर शव को कब्जे में पीएम के लिए अस्पताल भिजवाया था। पीएम रिपोर्ट में हत्या की पुष्टि होते ही चौकी प्रभारी विपिन कुमार ने तत्काल मुकदमा दर्ज कराया। भाई भतीजों पर शक की घूम रही सुई पर कड़ी सख्ती के साथ पूछताछ की। जिसके बाद हत्यारोपी भतीजा टूट गया। पुलिस ने महज 48 घंटे में पूरे घटनाक्रम का पटाक्षेप कर दिया।
पुलिस टीम…
- थानाध्यक्ष पथरी मनोज नौटियाल
- एसएसआई यशवीर सिंह नेगी
- उप निरीक्षक विपिन कुमार
- उप निरीक्षक महेंद्र पुंडीर
- अपर उप निरीक्षक मुकेश राणा
- कांस्टेबल मुकेश चौहान
- कांस्टेबल जयपाल चौहान
- कांस्टेबल अनिल सिंह
- कांस्टेबल कान्तिराम



