विधानसभा ज्वालापुर का हाल बेहाल, सड़कों में गड्ढे और कीचड़ से खेड़ी शिकोहपुर की जनता परेशान
ग्रामीणों की चेतावनी, विकास पुत्र का ब्रांड लगाकर घूमने वाले नेताओं को मिलेगा बहिष्कार का तोहफा...(देखिए वीडियो)

क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) सरकार द्वारा ‘स्वच्छ भारत अभियान’ के तहत गांव-गांव में स्वच्छता का गुणगान गाने और करोड़ों का बजट खर्च करने के दावों की पोल ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र के खेड़ी शिकोहपुर में खुलती नजर आ रही है।
यहां के मुख्य रास्ते कीचड़ और गंदे पानी के दलदल में तब्दील हो चुके हैं। हालात इतने बदतर हैं कि ग्रामीणों का घरों से बाहर निकलना भी दुश्वार हो गया है। और गांव के मुख्य मार्गों से स्थानीय लोगों के साथ-साथ गांव में आने जाने वाले रिश्तेदारों को इस परेशानी झेलनी पड़ रही हैं।
क्योंकि आज के समय में ज्वालापुर विधानसभा क्षेत्र अपनी बदहाली के आंसू रो रहा हैं। विडंबना देखिए स्थानीय जनता को गहरे गड्ढे और कीचड़ से सनी सड़कों पर चलने के लिए विवश होना पड़ रहा है।

ज्वालापुर विधानसभा बनने के बाद ग्रामीण जनता को लगा था कि क्षेत्र का चहुमुखी विकास हो पाएगा। लेकिन विधानसभा बनने के बाद से आजतक तक ग्रामीण क्षेत्र के लोग से सौतेले व्यवहार की मार झेलते आ रहा हैं।
वर्तमान समय में लोकसभा सांसद, स्थानीय विधायक व अन्य जनप्रतिनिधि होने के बावजूद भी ग्रामीणों को कीचड़ में चलने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। जबकि ज्वालापुर से स्थानीय विधायक रवि बहादुर ग्रामीण लोगों काफी उम्मीदें थी।
करीब 4 साल का समय बीतने के बाद भी सड़कों की दुर्दशा ओर अधिक दयनीय हो गई। विधायक रवि बहादुर भी जनता से किए गए वादों पर खरा नहीं उतर पाए हैं। जिसके चलते ग्रामीण क्षेत्रों में उनके खिलाफ आक्रोश बढ़ता जा रहा हैं।
खेड़ी शिकोहपुर गांव के ग्रामीणों का कहना हैं कि इस समस्या को लेकर ग्राम पंचायत, प्रशासन और क्षेत्रीय विधायक से कई बार गुहार लगाई गई, लेकिन हर बार अनसुना कर दिया गया। अब स्थिति यह हो गई है कि सड़कों में गहरे गड्ढे हो गए। जिसके कारण उनमें पानी भर गया है। पानी ओर कीचड़ की दुर्गंध और गंदगी के कारण आसपास के घरों में रहना असहनीय हो गया है। और चोटिल हो रहे हैं।
ग्रामीणों का आरोप है कि विधायक रवि बहादुर गांव के साथ सौतेला व्यवहार करते हैं। जिसके कारण गांव में विकास कार्य ठप पड़ा हुआ हैं। ग्रामीणों ने चेतावनी दी हैं कि विकास पुत्र का ब्रांड लगाकर घूमने वाले नेताओं को आगमी चुनाव में बहिष्कार का तोहफा दिया जाएगा।



