“भाईजान” भी बचा नहीं पाए मुंहबोली बहन दरगाह प्रबंधक रजिया बेग की “कुर्सी”
दरगाह प्रबंधक रजिया बेग ने डीएम को सौंपा इस्तीफा, अब एक-एक गुनाह होंगे बेनकाब, कर्मचारियों ने ली राहत की सांस...(पढ़िए खबर)

क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) आस थी कि पहली महिला दरगाह प्रबंधक रजिया पटरी से उतरी व्यवस्थाओं को दुरुस्त कर उन व्यवस्थाओं को ठीक कर लेगी। लेकिन फरवरी माह 2023 से आज तक उनकी छवि पर दाग ही लगते आए हैं। दाग छुपाने के लिए “भाईजान” ने एक से एक पैंतरे आजमाए। लेकिन इस बार प्रशासनिक कानूनी दांव पेंच में फंसी दरगाह प्रबंधक रजिया को कुर्सी से हाथ धोना पड़ा। इस बार भाईजान भी मुंहबोली बहन की कोई मदद नहीं कर पाया।
जिसके चलते दरगाह प्रबंधक रजिया ने अपनी कुर्सी से इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे की वजह भी परिवारिक कारण बताया गया हैं। कार्यवाही की जद में आई रजिया कुर्सी छोड़कर गुनाहों से बचने की कोशिश कर रही हैं।

लेकिन प्रशासनिक कार्यवाही की तलवार अब भी उनके सिर पर लटक रही हैं। क्योंकि उन पर दरगाह के खजाने की वित्तीय अनियमितताओं से लेकर कई गंभीर आरोप लगे हैं।
विवादों से इस्तीफेबाज दरगाह प्रबंधक रजिया का रहा हैं गहरा नाता, हर विवाद में अलग दास्तां…..
पूर्व में तैनात प्रबंधक मोहम्मद हारून को विजिलेंस ने रिश्वत लेते पकड़ा था। इसके बाद लेखाकार सफीक अहमद को कार्यवाहक प्रबंधक के तौर पर कार्य देख रहे थे। डीएम के आदेश के बाद भाजपा अल्पसंख्यक मोर्चा के पूर्व जिलाध्यक्ष बहरोज आलम की पत्नी रजिया को फरवरी माह 2023 में दरगाह प्रबंधक की कुर्सी मिली थी। दरगाह प्रबंधक की कुर्सी संभालते ही उनका विरोध शुरू हो गया था। जिसके चलते उन्होंने सुर्खियां बटोरनी शुरु की थी।
पहला विवाद:
इस्तीफेबाज दरगाह प्रबंधक रजिया ने चार्ज संभालने के कुछ दिनों बाद नियाज़ (लंगर) बनाने वाली दुकानों के टेंडर का तुगलकी फरमान सुनाया था। जिसको लेकर कलियर की राजनीति गरमा गई थी। वही पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत से लेकर जिले के कई विधायकों समेत अन्य स्थानीय जनप्रतिनिधियों व दुकानदारों ने दरगाह कार्यालय के सामने धरना-प्रदर्शन किया था। बैकफुट पर नजर आई। दरगाह प्रबंधक रजिया ने तुगलकी फरमान वापस लेते हुए कलियर में नियाज़ (लंगर) बनाने वाली दुकानों के टेंडर प्रकिया को निरस्त करना पड़ा था।
दूसरा विवाद:
विवादों और वित्तीय अनियमितताओं में घिरी दरगाह प्रबंधक रजिया बेग धरना-प्रदर्शन के बाद से सुर्खियां बटोरनी शुरु कर दी थी। जिसके कारण दरगाह कार्यालय में तैनात कर्मचारी भी उनसे दूरी बनाने लगे थे। साल 2024 में दरगाह साबिर पाक के उर्स/मेले में व्यवस्थाएं समय पर पूरी ना होने के कारण आला अधिकारियों ने रजिया बेग को कड़ी फटकार लगाई थी।

और दरगाह साबिर पाक के सालाना उर्स को सकुशल संपन्न कराने के लिए पूर्व नगर पंचायत ईओ भगवंत सिंह बिष्ट को मौखिक तौर पर ईमानदारी के साथ दरगाह प्रबंधन के साथ मिलकर मेला सकुशल संपन्न के दिशा-निर्देश दिए थे। जिसके बाद से ही पूर्व ईओ भगवंत सिंह बिष्ट मैडम साहिबा की आंखों में चुभने शुरू हो गए थे। और भाईजान से साथ मिलीभगत कर पूर्व ईओ बिष्ट का ट्रान्सफर करा दिया गया था। जोकि दबी आवाज में लोगों में चर्चा का विषय बना रहा।
तीसरा विवाद:
दरगाह प्रबंधक का चार्ज संभालने के बाद प्रबंधक मोहदिया ने ईमानदारी के साथ कार्य करने की प्राथमिकता गिनाई थी। लेकिन चंद दिनों बाद ही उनकी ईमानदारी धराशाई हो गई दरगाह प्रबंधक रजिया बेग पर एक पीआरडी जवान को निजी वाहन का ड्राइवर बनाने और दरगाह के कोष से पेट्रोल भरवाने का गंभीर आरोप नहीं, बल्कि आरटीआई दस्तावेजों से उजागर हुआ सच्चाई पर आधारित घोटाला सामने आया है। जबकि दरगाह कार्यालय के दायित्व के लिए उन्हें बिना मानदेय के सशर्त प्रभार दिया गया था।
चौथा विवाद और कार्यवाही:
उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की ओर से की गई विशेष जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं और प्रशासनिक गड़बड़ियां सामने आईं थी। जांच रिपोर्ट के अनुसार, दरगाह से जुड़े ठेकों का संचालन बिना अनुमोदन के, खातों से निकासी बिना अनुमति के, और विभिन्न मदों में भारी वित्तीय अनियमितताओं के कई उदाहरण मिले हैं।
वही उन पर कई आरोप लगे हैं। आरोपों में घिरी प्रबंधक रजिया बेग को गंभीर वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप में जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने कारण बताओ नोटिस जारी किया था साथ ही उनके सभी वित्तीय अधिकार पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई थी।

वित्तीय अधिकार सीज करने के साथ ही हरिद्वार डीएम ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण के लिए 7 दिनों के भीतर जवाब देने का समय दिया था। लेकिन समयावधि पूरी होने के बाद दरगाह प्रबंधक रजिया ने अपने पद से इस्तीफा दे दिया।
इस्तीफे में बताई ये वजह?

दरगाह प्रबंधक रजिया बेग ने व्यक्तिगत एवं पारिवारिक कारणों का हवाला देते हुए प्रबन्धक पद से कार्यमुक्त किए जाने का प्रार्थनापत्र हरिद्वार जिलाधिकारी को भेजा था।

जिलाधिकारी मयूर दीक्षित ने दरगाह प्रबंधक रजिया बैग का त्याग पत्र स्वीकार करते हुए उन्हें वर्तमान पद से तत्काल प्रभाव से कार्यमुक्त कर दिया। साथ ही दरगाह की समस्त वित्तीय एवं प्रशासनिक गतिविधियों की निगरानी ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की को सौंपी हैं।







