खाकी पर छुटभैय्ए नेताओं की नेतागिरी भारी: कानून से बड़े नेताजी के हाथ, अब छुटभैय्ए नेताजी सिखाएंगे कैसे चलेगा थाना और चौकी?
कार्यवाही की खानापूर्ति में महज शांतिभंग की लॉलीपॉप, चर्चाओं का बाजार गर्म...(पढ़िए खबर)

क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) अक्सर राजनेताओं और खाकी के बीच टकराव से कुर्सी पर बैठे नीचे स्तर के खाकी अधिकारियों को अपनी कुर्सी खिसने का डर सताता रहता है।
जिसके कारण हाइटेक पुलिस को कथित नेताओं के सामने सरेंडर होने को मजबूर होना पड़ रहा हैं। या फिर ये कहा जाए कि तथाकथित नेताओं के कानून से लंबे हाथ हैं। जिसके कारण पुलिस अपने आत्मसम्मान के साथ हो रहे खिलवाड़ को भी नहीं बचा पा रही हैं।
लेकिन कुछ तथाकथित नेताओं ने नया ट्रेंड अपनाना शुरू कर दिया। छुटपुट तथा कथित नेता छोटी-छोटी बातों को लेकर पुलिसकर्मियों के साथ उलझकर हंगामा शुरू कर देते हैं और भीड़ इकठ्ठा कर सुर्खियां बटोरने पर क्षेत्र में अपना दबदबा दिखाते हैं। लेकिन हैरत की बात है कि पुलिस कार्यवाही के नाम पर सिर्फ शांतिभंग की लॉलीपॉप से मामले ठंडा करने में लग जाती हैं।
राज्य स्थापना दिवस की 25वीं वर्षगांठ पर प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी ने पुलिस को हाइटेक बनाने और पुलिसकर्मियों के आवासीय भवनों को आगमी 3 सालों में करोड़ों रुपए खर्च करने की घोषणा की हैं। जब प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी घोषणा कर रहे थे।
तब हरिद्वार जिले में दिवाली के दिन तथाकथित नेताजी जी ने धमाकेदार हंगामा करते हुए पुलिस-प्रशासन हिला दिया। और पुलिस पर मारपीट का आरोप लगाकर सैकड़ों लोगों की भीड़ लेकर चौकी में आ धमक पड़े। और तथाकथित नेता ने अपनी गरज से पुलिस के इकबाल को ललकारा।
लेकिन पुलिसकर्मी बेबस तिरछी नजर से हंगामा होता देखते रहते। मामले में कई अन्य छुटभैय्ए सफेदपोश नेताओं के हस्तक्षेप के बाद मामले को रफा-दफा कर दिया गया. और तथाकथित नेता जी जिस मंसूबे से चौकी आए थे।
उनका मंसूबा भी पूरा कर दिया गया। लेकिन राजनीतिक दबाव के चलते पुलिस ने “हंगामा गैंग” पर कोई सख्त कार्रवाई (FIR) करने के बजाय केवल दिखावटी शांतिभंग की लॉलीपॉप कार्रवाई की हैं।

इस हंगामे के बाद क्षेत्र में चर्चाओं का बाजार गर्म हैं। लोग पुलिस प्रशासन की इस छोटी सी कार्यवाही को लेकर तरह-तरह की चर्चा करते हुए नजर आ रहे हैं और पुलिस की कार्यवाही पर सवाल उठा रहे हैं।