
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) पिरान कलियर दरगाह साबिर पाक का सालाना उर्स सकुशल संपन्न हो गया हैं। उर्स/मेला सम्पन्न होने के बाद भी आसपास और बाहरी राज्यों से जायरीनों के आने का सिलसिला जारी हैं।

वही कलियर पहुंचे जायरीनों के साथ मारपीट और बदसूलकी की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं। जायरीनों के साथ बदसलूकी की घटनाएं राज्य की अतिथि देवो भव: के संकल्प की धारणा पर बट्टा लगा रही हैं।
हद तो तब हो जाती है, जब स्थानीय दुकानदार और व्यवसाय करने वाले व्यापारी हल्की कहासुनी में जायरीनों के साथ मारपीट और जायरीनों को लहूलुहान करने पर उतारू हो जाते हैं।
और थाने में पीड़ित जायरीन के पहुंचने से पहले ही स्थानीय लोगों के पैरोकार थाने के इर्द- गिर्द मंडराने लगते हैं, और आपसी समझौता करा देते हैं। जबकि स्थानीय दुकानदारों और व्यापारियों का घर का चूल्हा इन्हीं जायरीनों के वजह से जल पाता हैं।
लेकिन ये लोग अपनी सारी हदें पार करते हुए अपना तांडव मचाते हैं। बावजूद इसके, अधिकारी चुप्पी साधे हुए हैं और जनप्रतिनिधि खुली आंखों से सबकुछ देखकर भी खामोश हैं।

लेकिन सवाल उठाने लाज़िम हैं कि, जायरीनों के साथ बढ़ती अभद्रता और मारपीट की घटनाएं स्थानीय लोगों द्वारा देश के कोने-कोने से आए जायरीनों के माध्यम से क्या पैगाम लेकर भेजा जा रहा है। जिसको लेकर सियासतदारों, सूफी संत, कैंडल गैंग समेत अन्य लोगों द्वारा कोई भी आवाज उठाने किए तैयार नहीं है।

क्योंकि जायरीनों से मारपीट करने वाले दबंग स्थानीय हैं। इसलिए कलियर की “कैंडल गैंग” भी जायरीनों की अभद्रता और मारपीट पर खामोश हैं। जोकि हर अवसर पर अपनी आमद कराती हैं। जायरीनों से मारपीट और बदसूलकी पर कलियर के सूफी संत भी चुप्पी साधे हुए हैं।

बरहाल, देखना होगा कि क्या दबंग खुलेआम कानून व्यवस्था को ऐसे ही ठेंगा दिखाते रहेंगे? और क्या दबंग खुलेआम ऐसे ही जायरीनों पर अपना कहर बरपाते रहेंगे। या फिर पुलिस प्रशासन द्वारा ऐसी घटनाओं पर स्वत: संज्ञान लेकर अंकुश लगा पाएगी? ये आने वाला समय ही बताएगा।