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गुलाब और केवड़ा जल से महक उठा मजार शरीफ: एक बूंद पाने के लिए उमड़ा जायरीनों का हुजूम

नम आंखों के साथ अपने गंतव्य को वापस लौट रहे जायरीन, दरगाह में हाजिरी लगाकर मांगी गई दुआएं......(पढ़िए खबर)

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क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) दरगाह साबिर पाक के 757वे सालाना उर्स की अंतिम और अहम रस्म गुस्ल शरीफ सकुशल संपन्न हो गई हैं। गुस्ल शरीफ की रस्म के दौरान दरगाह परिसर में जायरीनों का हुजूम उमड़ पड़ा।

दरगाह साबिर पाक: फोटो

गुस्ल का पानी पाने के लिए जायरीन हाथों में गिलास, बोतल, कटोरा लेकर खड़े रहे। वही अकीदतमंद जायरीनों की ओर से दरगाह शरीफ को गुलाब व केवड़ा जल से नहलाया गया। गुस्ल का पानी मिलने के बाद जायरीनों के चेहरे की रौनक ओर अधिक बढ़ गई। और सभी रस्मे पूरी होने के बाद जायरीन अपने गंतव्य को वापस लौट गए।

एक बूंद पाने के लिए उमड़ पड़ा जायरीनों का हुजूम

रविवार को सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी कुद्दुसी ने गुस्ल शरीफ की रस्म अदा कराई। देश के कोने कोने से उर्स में आए हुए जायरीनों ने गुस्ल शरीफ रस्म में शिरकत की। और सुबह से ही दरगाह परिसर में जायरीनों का हुजूम उमड़ पड़ा।गुस्ल शरीफ की रस्म के दौरान जायरीनों ने गुलाब व केवड़ा जल से मजार शरीफ को नहलाया। इस दौरान पूरी दरगाह खुशबू से महक उठी। वही दरगाह के सज्जादानशीन शाह अली एजाज साबरी कुद्दुसी ने मजार शरीफ में संदल पेश किया।

नम आंखों के साथ अपने गंतव्य को वापस लौट रहे जायरीन….

दरगाह साबिर पाक के सालाना उर्स की सभी रस्मे पूरी होने के बाद जायरीनों ने दरगाह में हाजिरी लगाई। जिसके बाद नाम आंखों से साथ जायरीन अपने गंतव्य को वापस लौटना शुरू हो गए हैं। वही कुछ जायरीनों ने बातचीत करते हुए बताया कि उन्होंने साबिर पाक में दुवाएं मांगी हैं कि हम दोबारा हाजिरी के लिए आए। और देश में जहां- जहां पर बाढ़ आई हुई हैं। इस आसमानी आफत से सभी की हिफाजत करे।

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