
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) रूड़की के माधोपुर में जिम ट्रेनर वसीम उर्फ मोनू की मौत के सनसनीखेज प्रकरण मामले में अब नया मोड आ गया। एडीजे कोर्ट ने प्राथमिकता दर्ज करने पर लगी रोक को हटाते हुए गौ संरक्षण स्क्वायड टीम के रिविजन को खारिज कर दिया है।

गौरतलब है कि 24/25 अगस्त 2024 को सोहलपुर गाड़ा निवासी वसीम उर्फ मोनू की तालाब के पानी में डूबने से मौत हो गई थी। परिजनों ने सुनियोजित तरीके से उसकी हत्या करने का आरोप लगाते हुए गौ संरक्षण स्क्वायड टीम को उसका जिम्मेदार ठहराया था।

परिजनों का आरोप था कि करीब एक साल बीत जाने के बाद भी गौ स्क्वायड की टीम पर कोई मुकदमा दर्ज नहीं किया गया था। जिसको लेकर मृतक जिम ट्रेनर वसीम उर्फ मोनू के चचेरे भाई ने कोर्ट का सहारा लिया था।

और सीजेएम कोर्ट ने मृतक वसीम उर्फ मोनू के चचेरे भाई के प्रार्थना पत्र पर 3 नामजद उपनिरीक्षक शरद सिंह, कांस्टेबल सुनील सैनी, कांस्टेबल प्रवीण सैनी समेत अन्य अज्ञात पुलिसकर्मियों के खिलाफ 24 घंटों के भीतर गंगनहर कोतवाली पुलिस को संबंधित धाराओं में केस दर्ज करने के आदेश दिए थे।

इसके अलावा कोर्ट ने एसएसपी हरिद्वार को सनसनीखेज प्रकरण की सीओ रैंक के अधिकारी से निष्पक्ष जांच करने के आदेश भी दिए थे, जिसके बाद सीजेएम कोर्ट आदेश के खिलाफ सब इंस्पेक्टर शरद सिंह ने अपने अधिवक्ता के माध्यम से जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार की कोर्ट में प्रार्थना पत्र देकर प्राथमिक दर्ज न करने के प्रार्थना पत्र दिया था।

सुनवाई करते हुए सीजेएम कोर्ट के आदेश पर जिला एवं सत्र न्यायाधीश हरिद्वार की कोर्ट ने अग्रिम आदेशों तक लगाई रोक दी थी, लेकिन अब इस मामले में नया मोड आ गया है। मामले में गुरुवार को हरिद्वार एडीजे कोर्ट तृतीय राकेश कुमार सिंह की अदालत में मामले की सुनवाई हुई, जिसमें दोनों पक्षों की ओर से अधिवक्ताओं ने अपनी-अपनी दलीलें दी। एडीजे कोर्ट राकेश कुमार सिंह की अदालत ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद गौ संरक्षण स्क्वायड टीम के रिवीजन को खारिज कर दिया।
वरिष्ठ अधिवक्ता सज्जाद अहमद की मजबूत पैरवी फिर लाई रंग….

एक बार वरिष्ठ अधिवक्ता सज्जाद अहमद की मजबूत पैरवी रंग लाई हैं। वरिष्ठ अधिवक्ता सज्जाद अहमद की ठोस पैरवी चलते कोर्ट ने गौ स्क्वायड टीम की रिवीजन को खारिज कर दिया।