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साइबर ठगों की चाल: अपर जिला जज और पुलिस अधिकारियों के नाम से भेजा गया फर्जी गैर जमानत वारंट 

2 घंटे के भीतर जमा करनी थी रकम, ठगो के चक्कर में आकर 30 हजार रुपए गवाए.....(पढ़िए खबर)

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क्लिक उत्तराखंड:-(ब्यूरो) आम आदमियों को फोन पर ठगने वाले शातिर ठगों के हौसले अब इस कदर बुलंद हो गए हैं कि वे जुडिशरी और पुलिस विभाग के जुड़े लोगों के नाम पर ठगी करने से गुरेज नहीं कर रहे हैं।

ताजा मामला हरिद्वार जिले के ज्वालापुर कोतवाली क्षेत्र से हैं जहां पर साइबर ठगो ने फैक्ट्री कर्मचारी से हजारों रुपए की ठगी कर डाली।

साइबर ठगों ने 2 घंटे के भीतर 50 हजार रुपए की रकम जमा करने का फर्जी गैर जमानतीय वारंट पीड़ित के मोबाइल फोन पर भेजा था। जिसमें देहरादून के एडीजे समेत अन्य पुलिस के आला अधिकारियों के नाम लिखकर फर्जी वारंट भेजा गया था।

ये है पूरा मामला:

(फाइल फोटो)

जानकारी के मुताबिक सुरेंद्र हाल निवासी शिवधाम कॉलोनी सुभाषनगर कोतवाली ज्वालापुर ने पुलिस को शिकायती पत्र देते हुए बताया कि 26 जुलाई को उसके मोबाइल फोन पर एक नोटिफिकेशन आई। जब उसने उस नोटिफिकेशन पर क्लिक किया।

तो एक पीडीएफ फाइल उसके मोबाइल फोन में डाउनलोड हो गई। उसने देखा कि उस पीडीएफ फाइल में कोतवाली पटेल नगर देहरादून से एक गैर जमानती वारंट जारी दिखाई दिया। जिसमें उसको एक सड़क दुर्घटना के मुकदमे में किसी गवाह के बयान के आधार पर अभियुक्त के रूप में शामिल होना बताया गया।

फाइल फोटो

और साथ ही उस पर आरोप लगाया कि पूर्व में जारी नोटिस पर थाने में उपस्थित नहीं हुआ हैं। इसलिए देहरादून के न्यायिक एवं पुलिस अधिकारियों द्वारा उसके खिलाफ 50 हजार रुपए का गैर जमानती वारंट जारी कर दिया गया हैं। और फर्जी वारंट में ये भी लिखा गया कि 2 घंटे के अंदर गैर जमानती वारंट पर दिए गए।

फाइल फोटो

न्यायिक न्यायिक एवं पुलिस अधिकारियों के upi आईडी पर 30 हजार रुपए तत्काल ट्रांसफर कर दो अन्यथा पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया जाएगा।

फर्जी वारंट में देहरादून की अपर जिला जज, पुलिस के आला अधिकारियों के नाम भी अंकित थें। डर और भ्रम में आकर ठगो के जाल में फंसे पीड़ित ने 30 हजार रुपए उनके खाते में ट्रांसफर कर दिए।

पीड़ित ने पुलिस को तहरीर देकर कार्यवाही की मांग की हैं। पुलिस ने अज्ञात साइबर गिरोह के खिलाफ संबंधित धाराओं में केस दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।

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