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झाड़ फूंक करने वाला “बाबा” निकला लखपति, नोटो से भरे बोरे मिले

"बाबा" की तबियत खराब होने पर खुला राज, इनकम टैक्स और पुलिस विभाग में मचा हड़कंप 

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क्लिक उत्तराखंड:-(ब्यूरो) यूपी के बरेली में एक हैरतअंगेज मामला सामने आया हैं। जहां पर झाड़ फूंक करने वाला एक बाबा लखपति निकला। जड़ी-बूटियों और ताबीज देकर इलाज करने वाले ने घर में बोरों के अंदर 18 लाख से ज्यादा का कैश भर रखा था।

(फाइल फोटो)

इसकी खबर तब लगी जब झाड़ फूंक करने वाले मियां की तबीयत खराब हो गई और उसे अस्पताल में भर्ती कराया गया। मामले का पर्दाफाश तब हुआ जब पैसे को लेकर मियां की सगी बहने और मकान मालिक में पैसे को लेकर झगड़ा हो और बात पुलिस तक पहुंची।

(फाइल फोटो)

जिसके बाद पुलिस और इनकम टैक्स विभाग हरकत में आया। अब इनकम टैक्स विभाग इलाज क़रने वाले मियां से रकम का ब्यौरा तलब करेगा।

मिली जानकारी के मुताबिक पूरा मामला बहेड़ी क्षेत्र के गुरसौली गांव का है। यहां संभल के रहने सैयद अतर अली रईस अहमद किराए के मकान पर रहता है। सैयद इसी मकान में रहकर झाड़ फूंक का काम करता है। सैयद लोगों को जड़ी बूटियों और ताबीज देकर इलाज करता है।

(फाइल फोटो)

अतर सैयद फिलहाल सीबी गंज थाना क्षेत्र के गांव बिधूलिया में भी रहते थे। शनिवार को सैयद अतहर की तबियत खराब होने पर अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा। इसके बाद गुरसौली में उनके साथ रह रही रामपुर के थाना मिलक के गांव मुन्नू नगर की रहने वाली सगी बहनें गुलसफा उर्फ महजबी और कामिल जहां और मकान मालिक रईस के बीच बोरों में भरे नोटों पर हक जताने को लेकर झगड़ा होने लगा।

(फाइल फोटो)

दोनों के झगड़े की वजह गांव में फैलने लगी तो बात पुलिस तक जा पहुंची। मौके पर पहुंची पुलिस ने नोटों से भरे बोरे, सैयद की दोनों बहन और मकान मालिक को थाने ले आई।

(फाइल फोटो)

पुलिस ने इन तीनों को पूछताछ के बाद छोड़ दिया और नोटों से भरे बोरे से नोट निकाल कर गिनती की। तो उनके होश उड़ गए। बोरे में नोटों की गिनती 500, 200, 100, 50, 20 और 10 के नोट निकले। गिनती के बाद कुल रकम 18 लाख 52 हज़ार रुपए बैठी। पुलिस ने इस रकम की सूचना आयकर विभाग को भेज दी है।

(फाइल फोटो)

नोटों से भरा बोरा पुलिस के थाने ले जाने की खबर मिलते ही अतहर मियां रात में ही अस्पताल से थाने पहुंच गए और उन्होंने पुलिस से नोटों से भरा बोरा वापस करने की मांग की, लेकिन पुलिस ने फिलहाल उन्हें नोट सुपुर्दगी में देने से मना कर दिया। अतर मियां का कहना है कि यह रकम उनको नज़राना (इनाम) बतौर मिली है।

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