दरगाह प्रबंधक की मनमानी का किला ध्वस्त, डीएम ने दरगाह प्रबंधक के वित्तीय अधिकार किए सीज
7 दिनों के भीतर देना होगा स्पष्टीकरण, "वित्तीय तख्तापलट" में लटकी कार्यवाही की तलवार....(पढ़िए खबर)

क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) दरगाह पिरान कलियर की प्रबंधक रजिया बेग को गंभीर वित्तीय एवं प्रशासनिक अनियमितताओं के आरोप में जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने कारण बताओ नोटिस जारी किया है।
साथ ही उनके सभी वित्तीय अधिकार पर तत्काल प्रभाव से रोक लगा दी गई है। वित्तीय अधिकार सीज करने के साथ ही हरिद्वार डीएम ने कारण बताओ नोटिस जारी करते हुए स्पष्टीकरण के लिए 7 दिनों के भीतर जवाब देने का समय दिया हैं। जिसके बाद से इस बड़ी कार्यवाही से दरगाह कार्यालय में हड़कंप मचा हुआ हैं।
जानकारी के मुताबिक उत्तराखंड वक्फ बोर्ड की ओर से की गई विशेष जांच में गंभीर वित्तीय अनियमितताएं और प्रशासनिक गड़बड़ियां सामने आईं।

जांच रिपोर्ट के अनुसार, दरगाह से जुड़े ठेकों का संचालन बिना अनुमोदन के, खातों से निकासी बिना अनुमति के, और विभिन्न मदों में भारी वित्तीय अनियमितताओं के कई उदाहरण मिले हैं।

वही दो ठेकेदारों से 10.88 लाख रुपए की धनराशि अब तक प्राप्त नहीं हुई है। वहीं ठेकेदारों से करीब 2.34 करोड़ की बकाया राशि की वसूली नहीं की गई जिसे जांच अधिकारी ने गंभीर लापरवाही बताया हैं। रिपोर्ट में यह भी स्पष्ट हुआ कि दरगाह निधि से संबंधित खर्चों का कोई समुचित लेखा-जोखा नहीं रखा गया।
जिससे पारदर्शिता पर गंभीर सवाल खड़े हो गए हैं। वही कलियर में धामी सरकार की जीरो टॉलरेंस की नीति भी सवालों के कटघरे में हैं।

डीएम द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है कि प्रबंधक द्वारा निर्धारित प्रक्रिया और वक्फ बोर्ड के दिशा-निर्देशों की खुली अवहेलना की गई है। प्रशासन ने यह भी माना है कि यदि समय रहते नियंत्रण नहीं किया गया, तो दरगाह की आर्थिक स्थिति पर गंभीर प्रभाव पड़ सकता था।

जिसके चलते हरिद्वार डीएम मयूर दीक्षित ने दरगाह प्रबंधक रजिया बेग की मनमानी का किला ध्वस्त करते हुए वित्तीय अधिकार सीज किए हैं वहीं उन्होंने दरगाह प्रबंधक रजिया बेग को कारण बताओ नोटिस जारी किया हैं। और 7 दिनों के भीतर लिखित में स्पष्टीकरण देने को कहा है।
दरगाह प्रबंधक के वित्तीय अधिकार सीज, ज्वाइंट मजिस्ट्रेट रूड़की की बढ़ी जिम्मेदारी…

जिलाधिकारी हरिद्वार मयूर दीक्षित ने दरगाह प्रबंधक रजिया बेग के वित्तीय अधिकारों पर रोक लगाते हुए यह भी निर्देश दिया है कि दरगाह से संबंधित कोई भी भुगतान, अनुबंध या नकद लेनदेन रजिया वैग के माध्यम से नहीं किया जाएगा। दरगाह की समस्त वित्तीय एवं प्रशासनिक गतिविधियों की निगरानी अब संयुक्त मजिस्ट्रेट रुड़की करेंगे
“वित्तीय तख्तापलट” में लटकी कार्यवाही की तलवार….

जानकार मानते हैं कि वित्तीय अधिकार सीज होने पर किसी पद पर बैठे अधिकारी/ कर्मचारी/या अन्य पर विभागीय उच्च अधिकारी कठोर कार्रवाई कर सकते है। इसके साथ उसको पद से हटाया जा सकता है। गबन और धोखाधड़ी के गंभीर आरोपों के तहत कानूनी कार्यवाही और गिरफ्तारी की तलवार भी लटक सकती है।



