
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) हरिद्वार जिले में मनरेगा योजना के तहत होने वाले कार्यों में फर्जीवाड़ा रुकने का नाम नहीं ले रहा है। जबकि बीते दिनों मनरेगा कार्यों में धांधली के आरोप में जिलेभर में कई संबंधित अधिकारियों पर गाज गिर चुकी हैं।

इसके बावजूद भी मनरेगा कार्यों में धांधली अपने पूरे चरम पर हैं। ताजा मामला हरिद्वार जिले के भगवानपुर तहसील के गांव मानक मजरा का हैं जहां पर मनरेगा योजना के तहत बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का मामला सामने आया है।

आरोप है कि हाजिरी वाले मजदूरों में किसी ओर को मौके पर दर्शाया जा रहा हैं जबकि दर्शाय गए व्यक्तियों का नाम मस्टरोल में दर्ज नहीं है। जो मजदूर वास्तव में काम नहीं करते, उनकी भी ऑनलाइन हाजिरी दर्ज की जा रही है, जिससे सरकारी धन की अवैध निकासी हो रही हैं। 
पड़ताल में पता चला है कि भगवानपुर तहसील के गांव मानक मजरा में मनरेगा के तहत तीन नालो की खुदाई का कार्य किया जा रहा है। नाले की खुदाई का कार्य मनरेगा योजना के तहत किया जा रहा हैं। आरोप है कि मनरेगा के तहत होने वाले कार्यों में धांधली की जा रही है।

क्योंकि नाला खुदाई के लिए जहां पर मजदूरों को लगाया जाना चाहिए था वहां पर जेसीबी से खुदाई कर डाली गई। आरोप है कि जबकि गांव में नाले के लिए कई मास्टर रोल निकाले गए हैं। जिनमें प्रतिदिन 60 से 70 मजदूरों के काम करने का दावा किया गया है।

ऑनलाइन हाजिरी में दिख रहे मजदूरों के हाथों में कोई उपकरण (फावड़ा या खांची) न होने से भी भ्रष्टाचार की पुष्टि होती है। जबकि फोटो में दिखाई दे रहे लोगों की भीड़ ने जमीन पर कोई काम नहीं किया है, जबकि अन्य मजदूरों को कागजों पर काम दिखाकर धन निकाला जा रहा है।

वही शिकायतकर्ता ने मुख्यमंत्री पोर्टल व अधिकारियों को शिकायत करते हुए बताया कि एक ही फोटो को कई बार ऑनलाइन दर्शाया गया हैं। जिसके चलते हुए मनरेगा तहत में होने वाले इन कार्य में भ्रष्टाचार की बु आ रही हैं। ग्रामीणों का आरोप हैं कि इस संबंध में संबंधित अधिकारियों से शिकायत की गई है। लेकिन कोई समाधान नहीं निकाला गया।

सीडीओ ललित नारायण मिश्रा ने बताया कि मामले की जांच कराई जाएगी। उसके बाद ही कुछ कहा जा सकता है।



