उत्तराखंड

कलियर में बीच सड़क पर जलता हैं “अग्नि कुंड”: हादसों को दिया जा रहा हैं न्यौता

अतिक्रमण का जाल,फर्जी खादिमो की लंबी-चौड़ी लिस्ट समेत अनेकों अहम चुनौतियां, सवाल क्या कालनेमियो पर काल बनकर टूटेंगे तहसीलदार विकास अवस्थी?....पढ़िए सिलसिलेवार खबर

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क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) विश्व विख्यात दरगाह साबिर पाक में करोड़ों अकीदतमंद लोगों की गहरी आस्था हैं। साबिर पाक से मोहब्बत और अकीदत का पैगाम देश-विदेश की फिजाओं में खुशबू की तरह तैर रहा हैं।

दरगाह साबिर पाक फोटो

जिसके कारण कई सदियां बीत जाने के बाद आज भी दरगाह साबिर पाक पर प्रतिदिन हजारों की संख्या में अकीदतमंद जायरीन हाजिरी लगाते हैं। और रूहानियत का फैज हासिल करते हैं।

दरगाह कार्यालय (फाइल फोटो)

भारी संख्या में आने वाले जायरीनों की सुविधाओं के लिए दरगाह प्रबंधन दरगाह की रूपरेखा तैयार करता है। लेकिन हाल के दिनों में बहुचर्चित केस पूर्व दरगाह प्रबंधक रजिया बेग के इस्तीफे के बाद अब इस अहम पद की जिम्मेदारी रुड़की तहसीलदार विकास अवस्थी को सौंपी गई हैं।

रुड़की तहसीलदार विकास अवस्थी

रुड़की तहसीलदार विकास अवस्थी तहसील के साथ-साथ अब अतिरिक्त प्रभार के रूप में दरगाह प्रबंधक की जिम्मेदारी भी संभालेंगे। भले ही उन्होंने अभी तक आधिकारिक तौर पर पदभार ग्रहण ना किया हो लेकिन अभी से ही उनके सामने कई अहम चुनौतियां खड़ी हो गई हैं।

चुनौती नंबर 01

कलियर में अतिक्रमण हमेशा एक मुख्य समस्या रही हैं। अतिक्रमणकारियों और दरगाह कार्यालय में तैनात कर्मचारियों की मिली भगत से दरगाह क्षेत्र से आजतक अतिक्रमण नहीं हटाया गया हैं।

जबकि उर्स/मेले के दौरान अतिक्रमण के नाम पर उन अवैध दुकानों को हटाया जाता है। उर्स/मेला समाप्ति के बाद फिर से मिलीभगत कर दोबारा दुकानें सजाई जाती हैं।

कार्यवाही के नाम पर कार्यालय में तैनात कर्मचारी अपने आला अधिकारियों को भ्रमक रिपोर्ट प्रेरित करते हैं। जिसके कारण कलियर का दरगाह क्षेत्र अतिक्रमण का जाल बन चुका हैं। जिसको हटाना अहम चुनौती साबित होगा।

चुनौती नंबर 02

दरगाह क्षेत्र में अतिक्रमण की जड़ पकाई (लंगर) की दुकानें भी अपना अहम रोल निभाती हैं। लंगर बनाने वाले दुकानदार बीच सड़क पर अग्निकुंड जलाते हैं। जिसके कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है। क्योंकि आगमी दिनों में ख्वाजा गरीब नवाज अजमेर शरीफ का सालाना उर्स शुरू हो जाएगा। उर्स में बड़ी संख्या में हाजिरी लगाने के लिए जायरीन पहले कलियर पहुंचते हैं। उसके बाद अपना सफर तय करते हैं। बीच रास्तों में पकने वाले लंगर के अग्नि कुंड से झुलझने से जायरीनों को गंभीर परिणाम भुगतने पड़ सकते हैं।

चुनौती नंबर 03

दरगाह साबिर पाक में “फर्जी खादिमों की गैंग” भी किसी चुनौती से कम नहीं हैं। फर्जी खादिमों की गैंग भोले-भाले जायरीनों को हाजिरी के नाम पर लूटते हैं। और उनसे मोटी रकम वसूलते हैं।

फाइल फोटो

जायरीनों द्वारा विरोध करने पर फर्जी खादिम जायरीनों से मारपीट पर उतारू हो जाते हैं। जबकि प्रदेश के मुखिया पुष्कर सिंह धामी के दिशा- निर्देश पर आस्था के नाम पर जायरीनों/श्रद्धालुओं से सूफी संतों के भेष बनाकर घूम रहे बहुरूपियों, फर्जियों बाबाओं के खिलाफ ऑपरेशन कालनेमि चलाया जा रहा हैं।

लेकिन विडंबना देखिए आजतक दरगाह में ऑपरेशन कालनेमि के तहत फर्जी खादिमों पर कोई कार्यवाही नहीं की गई है। जोकि चिंता का विषय हैं।

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