
क्लिक उत्तराखंड:-(बुरहान राजपूत) पिरान कलियर में साबिर पाक के उर्स के दौरान खानकाह फैजान-ए-वाहिद में 14 रब्बी अव्वल की रात को जश्ने शमशुल आजम मनाया गया।
जिसमें देश के कोने-कोने से आए कव्वालों ने सूफियाना कलाम पेश किए। इस दौरान देश में आपसी भाईचारा और अमन-चैन की दुआएं मांगी गईं।
दरगाह साबिर पाक के 757 वें सालाना उर्स के मौके पर खानकाह फैजान- ए- वाहिद में गद्दी नशीन सैय्यद फरीद आलम साबरी की सरपरस्ती में जश्ने शमशुल आजम मनाया गया। लंगर तकसीम करने के बाद महफिल- ए-शमा का आयोजन किया गया।

इस दौरान देश के कोने-कोने से आए कव्वालों ने अपने अपने कलाम पेश किए, जिन्हें सुनकर महफिल में पहुंचे मुरीद झूमते नजर आए।
कव्वाल आसिफ नियाजी उदयपुरी ने साबिर पाक की शान में कलाम पढ़ा। बरेली, सहारनपुर, आगरा, मेरठ, सहित विभिन्न जगहों से आए कव्वालों ने भी सूफियाना कलाम पढ़े।

खानकाह फैजान-ए-वाहिद के गद्दीनशीन सैय्यद फरीद आलम साबरी ने साबिर पाक के उर्स की मुबारकबाद देते हुए कहा कि साबिर पाक के उर्स के दौरान जश्ने शमशुल आजम बनाने की परंपरा वर्षों से चली आ रही है। खानकाहों से देश में एकजुटता बनाए रखने का पाठ पढ़ाया जाता है। जिसमें सभी धर्मों का सम्मान करने के बारे में बताया जाता है। साबिर पाक ने सब्र कर विश्व में एक संदेश दिया है।
जिसके कारण आज विश्व भर से जायरीन दरगाह साबिर पाक पहुंचते हैं और रुहानी फैज प्राप्त करते हैं। उन्होंने कहा कि बुजुर्गों की दरगाहो से अकीदतमंदों को सुकून मिलता है। इसलिए सभी धर्मों के लोग दरगाहो में हाजिरी लगाते हैं। और अपनी मन्नत मुरादे मांगते हैं। इस दौरान साहिबजादा शाह यावर मियां, सैय्यद शान मियां, सैय्यद रामिश मियां, सैय्यद शोएब अलीगढ़, सैय्यद वासिफ मियां, राव अबरार, कालू खान, फरमान, सैफ अली, चाहत, शाकिर, इमरान समेत अन्य मौजूद रहे।