
क्लिक उत्तराखंड:-(ब्यूरो) बुग्गावाला थाना क्षेत्र के बंदरजुड़ गांव में सरकार द्वारा मदरसा बंद किए जाने के बाद शिक्षा को लेकर शुरू हुआ विवाद अब साज़िश और दबंगई की भेंट चढ़ता दिखाई दे रहा है।
शुक्रवार को हुए बवाल में मदरसा संचालक व ग्राम प्रधान पति के पक्ष पर न केवल हमला हुआ बल्कि उनकी जान तक को खतरा पैदा हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यह विवाद केवल पढ़ाई को लेकर नहीं, बल्कि कुछ शरारती तत्वों द्वारा जानबूझकर माहौल बिगाड़ने और प्रधान पति की छवि खराब करने की कोशिश है।

जानकारी के अनुसार, शुक्रवार सुबह कुछ ग्रामीण मदरसे की निगरानी के बहाने परिसर में पहुंचे। लेकिन वहां पढ़ाई-लिखाई की जगह विवाद खड़ा कर दिया। आरोप है कि उन्होंने मदरसा संचालक और शिक्षक से न केवल अभद्रता की, बल्कि गाली-गलौज और धमकी तक दी।

शाम होते-होते विवाद इतना बढ़ा कि दोनों पक्ष आमने-सामने आ गए। इसमें प्रधान पति व मदरसा संचालक पक्ष के ताहिर अनवर, व 2 अन्य गंभीर रूप से घायल हो गए, जबकि दूसरे पक्ष का एक व्यक्ति घायल हुआ। इससे साफ है कि हमला योजनाबद्ध तरीके से प्रधान पति के पक्ष पर ही किया गया।

ग्रामीणों का आरोप है कि दूसरे पक्ष ने जानबूझकर प्रधान पति और उनके सहयोगियों को निशाना बनाया ताकि उनकी सामाजिक स्थिति कमजोर की जा सके।घटना के बाद से ही ग्राम प्रधान पति दहशत में हैं। ग्रामीणों ने खुलासा किया है कि कुछ बाहरी गुंडा किस्म के लोग बंदरजुड़ गांव में घूमते देखे जा रहे हैं। ये लोग प्रधान पति के घर के आसपास डेरा डाले हुए हैं और किसी बड़ी घटना को अंजाम देने की फिराक में हैं। इससे गांव का माहौल और अधिक तनावपूर्ण हो गया है। ग्रामीणों का कहना है कि यदि पुलिस ने सख्ती न दिखाई तो स्थिति कभी भी बेकाबू हो सकती है।

सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे वीडियो ने भी पूरे मामले को और स्पष्ट कर दिया है। वीडियो में साफ दिखाई दे रहा है कि विवाद का मूल कारण शिक्षा या मदरसा बंद होना नहीं था, बल्कि कुछ लोग आपसी रंजिश का फायदा उठाकर मदरसा संचालक को घेरने की कोशिश कर रहे थे। वीडियो में दूसरे पक्ष के लोग मदरसा परिसर में गाली-गलौज करते हुए और माहौल बिगाड़ने की कोशिश करते दिख रहे हैं।

घटना की गंभीरता को देखते हुए पुलिस ने गांव में फोर्स तैनात कर दी है। फिलहाल हालात नियंत्रण में हैं, लेकिन गांव में तनाव का माहौल बना हुआ है। संचालक पक्ष के लोग डरे और सहमे हुए हैं, वहीं प्रधान पति ने प्रशासन से सुरक्षा की मांग की है। ग्रामीणों ने साफ कहा कि मदरसा बंद होने का दर्द अलग है, लेकिन बाहरी तत्वों द्वारा गांव में शांति भंग करना और प्रधान पति के परिवार को निशाना बनाना किसी भी हाल में बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।